बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद एक्टिंग के साथ ही अपनी फिटनेस के लिए भी जाने जाते हैं। वो 52 साल की उम्र में फिटनेस के मामले में छोटी उम्र के एक्टर्स को टक्कर देते हैं। यही वजह है कि उन्हें यूथ आइकन भी कहा जाता है। उनकी फिटनेस को लेकर यूथ अपनी प्रेरणा मानते हैं। ऐसे में अब सोनू सूद ने इंडिया में फिटनेस को लेकर मिथ के बारे में बताते हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने सप्लिमेंट्स को लेकर भी बात की और बताया कि अगर इसे ठीक ढंग से और ऑरिजनल चीज ली जाए तो ये स्वास्थ्य के लिए अच्छा साबित हो सकता है। चलिए बताते हैं उन्होंने क्या कुछ कहा।
दरअसल, सोनू सूद हाल ही में दिल्ली पहुंचे थे। यहां उन्होंने अल्फालेट के इवेंट में शिरकत की, जहां पर इसी नाम से एक बॉडी सप्लिमेंट लॉन्च किया गया। इस इवेंट में ही एक्टर ने अल्फालेट के संस्थापक एवं सीईओ सुरेश शुक्ला और सह-संस्थापक सीएफओ श्रवण घंटा से बात की और इंडिया में फिटनेस को लेकर मिथ के बारे में बात की। उन्होंने फिटनेस को लेकर सलाह देते हुए कहा, ‘इंडिया में जब बच्चे जिम जाना शुरू करते हैं तो पैरेंट्स काफी चिंता में आ जाते हैं कि क्या ये सही उम्र है जिम जाने की? ये अभी 13 या 14- 15 साल का है। इसे अभी और इंतजार करना चाहिए। क्योंकि उनका हाइट रुक जाएगा। ऐसे कई मिथ्स यहां पर हैं।’
सोनू सूद ने ऐसे मिथ्स पर रिएक्शन देते हुए कहते हैं, ‘लेकिन मैं कहूंगा कि आज के समय में बहुत जानकारियां उपलब्ध है। लोगों में बहुत कंफ्यूजन हैं। इस पर मैं कहना चाहूंगा कि आज के समय में जिम में ज्यादा से ज्यादा समय बिताना जरूरी हो गया है। खासकर इंडिया में, जहां पर हम बहुत कुछ खाते हैं। हम ऑयली चीजें, स्पाइसी चीजें ज्यादा खाते हैं। भारत की फैमिली को चेक करने की जरूरत है। जब आप जिम जाते हो, जब आप कुछ खाते हो तो उस समय आपको एहसास होगा कि जिम जाना कितना जरूरी है। इसके बारे में देश को अभी और भी शिक्षित होने की जरूरत है। हमें आज ही जिम की शुरुआत करनी चाहिए।’
सप्लिमेंट्स के साइड इफेक्ट्स के मिथ पर क्या बोले सोनू सूद?
इसके साथ ही सोनू सूद ने इसी इवेंट में सप्लिमेंट्स के साइड इफेक्ट्स के मिथ के बारे में भी बात की और कहा, ‘जब हम बात करते हैं फिटनेस की तो सब लोग सब कुछ जानते हैं और सब लोग सब कुछ नहीं जानते हैं। अगर आप किसी भी घर में जाएंगे तो किडनी फेलियर जैसी चीजें सुनने के लिए मिलेंगी। इसके लिए कई प्लेटफॉर्म्स हैं, जो आपको सही और गलत के बारे में बताते हैं। ये आसान नहीं होता है। दिल्ली में बहुत से हर गली में सप्लिमेंट्स बनाए जाते हैं लेकिन पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी ने सप्लिमेंट की जिम्मेदारी ली है। वरना यहां पर सप्लिमेंट्स के नाम पर कुछ भी बेंच दिया जाता है, जिसके बारे में लोगों को जानने और पढ़ने की जरूरत है। अगर सही प्रोडक्ट लिया जाता है तो उसके कोई इफेक्ट्स नहीं होते हैं। आज के समय में हम जो भी खाते हैं वो ऑथेंटिक नहीं है तो ऐसे में प्रोटीन और विटामिन्स के लिए सप्लिमेंट्स की जरूरत होती है ताकि वो खुद को फिट रख सके।’
बहरहाल, अगर सोनू सूद के वर्कफ्रंट की बात की जाए तो हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘फतेह’ में देखा गया था, जो कि फ्लॉप साबित हुई थी। ये फिल्म डिजिटल फ्रॉड के बारे में थी। ‘सईयारा देखाई द ना’- शिल्पी राज की आवाज में छा गया भोजपुरी गाना, एक्ट्रेस ने की ‘सैयारा’ दिखाने की मांग