मुजफ्फरनगर दंगों पर बनी फिल्म शोरगुल शुक्रवार को देश के कई हिस्सों के सिनेमाघरों में प्रदर्शित की गई। लेकिन गड़बड़ी की आशंका के कारण यह फिल्म मेरठ व मुजफ्फरनगर के किसी भी सिनेमा हॉल में नहीं दिखाई जाएगी। प्रशासन के सुरक्षा के आश्वासन पर विधायक संगीत सोम के विरोध प्रदर्शन का एलान भारी पड़ा। विरोध के डर से थिएटर मालिकों ने फिल्म नहीं दिखाने का फैसला किया। भाजपा विधायक संगीत सोम ने प्रदेश सरकार से शोरगुल पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। साथ ही फिल्म के प्रदर्शन को लेकर विरोध का एलान किया था।

फिलहाल बीमारी के कारण सोम गाजियाबाद के एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं। वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दूसरे जनपदों में फिल्म रिलीज के बाद अभी तक किसी तरह की गड़बड़ी की जानकारी नहीं मिली है। सूत्रों का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार फिल्म को टैक्स फ्री कर सकती है। हंगामे व विरोध की आशंका को देखते हुए मेरठ के थिएटर मालिक इस फिल्म को प्रदर्षित करने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। हालांकि अपर पुलिस महानिदेशक दलजीत चौधरी ने जोन के आइजी, डीआइजी व एसएसपी को पूरी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए थे। साथ ही सिनेमाघर व मल्टीप्लेक्स में फिल्म प्रदर्शन के दौरान कड़ी सुरक्षा बरतने की भी हिदायत दी थी।

डीएम पंकज यादव ने भी साफ कहा कि फिल्म के प्रदर्शन पर प्रशासन की ओर से कोई रोक नहीं है। फिर भी फिल्म का पहला शो देखने के बाद फैसला किया जाएगा कि फिल्म का प्रदर्शन रोका जाए या नहीं। लेकिन थिएटर मालिक फिल्म का एक भी शो दिखाने को तैयार नहीं हैं। सिनेमा मालिकों ने फिल्म के प्रदर्शन से साफ इनकार कर दिया है।

shorgul

‘शोरगुल’ को पहले 17 जून को रिलीज किया जाना था। लेकिन ‘उड़ता पंजाब’ से टकराव टालने के लिए रिलीज की तारीख 24 जून कर दी गई थी। शोरगुल को लेकर भाजपा विधायक द्वारा विरोध के ऐलान के बाद डिस्ट्रीब्यूटर ने फिल्म रिलीज की तारीख एक हफ्ते के लिए बढ़ा दी थी। निशात सिनेमा के मालिक दीपक सेठ ने बताया कि चूंकि फिल्म मुजफ्फरनगर दंगों की पृश्ठभूमि पर आधारित है इसलिए इसके प्रदर्शन के कारण गड़बड़ी की आशंका है। नंदन सिनेमा के मैनेजर विपिन चौधरी ने बताया कि ईद के कारण इस फिल्म को दिखाने से दो समुदायों के बीच कटुता फैल सकती है। इसलिए इस फिल्म को नहीं दिखाने का फैसला किया गया है।

मुजफ्फरनगर में इस फिल्म को लगाने की हिम्मत किसी थिएटर मालिक ने नहीं दिखाई। पड़ोसी जनपद बिजनौर व बुलंदशहर में फिल्म का प्रदर्शन हुआ, लेकिन वहां दर्शकों की संख्या बहुत ही कम रही। बिजनौर में ग्यारह व बुलंदशहर में तेरह दर्शकों ने ही फिल्म देखी। मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी डीके सिंह ने कहा था कि थिएटर मालिक बेफिक्री के साथ फिल्म दिखाएं, उन्हें पूर्ण सुरक्षा दी जाएगी लेकिन थिएटर मालिक पीछे हट गए। इसके पहले मुजफ्फरनगर में फिल्म खाप का विरोध हुआ था।