बिहार की कोकिला और लोक गायिका शारदा सिन्हा (Sharda Sinha) की मौत की खबर ने परिवार के साथ ही फैंस और समस्त भोजपुरी इंडस्ट्री को तोड़कर रख दिया है। उनके चाहने वालों को गहरा सदमा पहुंचा है। उन्होंने 72 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया है। 5 नवंबर को उन्होंने दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल में अपनी अंतिम सांस ली। शारदा सिन्हा को 25 अक्टूबर को अस्पताल में एडमिट कराया गया था। भोजपुरी सिंगर पति ब्रजकिशोर सिन्हा की मौत के बाद काफी टूट गई थीं, जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ी थी। ऐसे में आपको उनकी उस पोस्ट के बारे में बता रहे हैं, जिसे उन्होंने पति की मौत के करीब एक हफ्ते बाद ही लिखी थी और उनके पास जल्द आने का वादा किया था।
दरअसल, शारदा सिन्हा ने पति की मौत के बाद उनके साथ फेसबुक पर अपनी तस्वीरें शेयर की थी। इसे साझा करने के साथ ही उन्होंने पति के लिए लंबी चौड़ी पोस्ट लिखी थी। इसमें उन्होंने अपने जन्मदिन के वक्त को याद किया था और लिखा था, ‘जब सब घर में सो रहे होते थे, आज के दिन सिन्हा साहब, चुपके से उठकर फूल वाले के पास जाते थे, दो गुलाब और कुछ चटपटा नाश्ता, हाथ में लिए, एक नटखट सी हंसी अपने आंखों में दबाए, घर आते थे, बिना आवाज किए, मेरे सिरहाने में रखी कुर्सी पर बैठ कर, इंतजार करते थे कि कब मैं उठूं और वो मुझे वो दो गुलाब देकर कहें, जन्मदिन तुम्हें मुबारक, तुम्हें गुलसितां की कलियां मिले, बहारे न जाएं तुम्हारे चमन से, तुम्हें जिंदगी की खुशियां मिले। फिर मैं अर्ध निद्रा में, आंखे मलते हुए उठती, उन्हें हाथ जोड़ प्रणाम करती और इससे पहले कि मैं अच्छी शब्दावली का चयन कर उन्हें धन्यवाद कहती, वे अधीर हो पूछ बैठते थे, अरे भाई आज तो कुछ खास होना चाहिए खाने में फिर वो चटपटा नाश्ता मेरे ठीक सिरहाने रख कर कहते, हांजी ये सबके लिए है। मैं उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखने के हिसाब से उन्हें मना करती, मत खाइए ये सब , तबीयत खराब हो जाएगी… अरे छोड़ो जी…मस्ती में रहो कह कर चल देते। मैं बच्चों से कहती, उनको मत देना इस नाश्ते में से, वो पक्का पहले ही खा चुके होंगे… चश्में के ऊपर से वो मुझे घूरते और कहते..नहीं नहीं, मैं उन्हें और जोर से घूरती तो चुप-चाप कह देते थे, थोड़ा खाया था मैंने। फिर मैं बच्चों से उनकी दावा दिलवा कर उन्हें आराम करने को कहती थी।’
जन्मदिन पर भर गया था शारदा सिन्हा का मन और आंखे
शारदा सिन्हा ने इस पोस्ट में आगे भावुक होकर लिखा था, ‘बिना सिन्हा साहब के ये दिन शूल सा गड़ता है मुझे, आज मैं क्या पूरी दुनिया ही उन्हें फूलों से सजा रही है। एकाद्शा/ द्वादशा की तैयारियां हैं, अब थोड़ा नाश्ता क्या पूरा भोज सामने है। ये कौन सा तोहफा दे गए सिन्हा साहब? उनसे अंतिम मुलाकात 17 सितंबर की शाम हुई, जब मैंने कहा था, 3 दिनों में मैं लौट कर आ जाऊंगी, आप अपना ध्यान रखिएगा। उन्होंने मुझे कहा, मैं बिल्कुल ठीक हूं, आप बस स्वस्थ रहिए… और जल्दी लौट जाइएगा। हाथ जोड़कर ढब ढबाती आंखें मुझे आखरी बार देख रही थीं ये कौन जानता था। आज का दिन बहुत भारी है। सिन्हा साहब की मौजूदगी का एहसास मुझे तो है ही दोनों बच्चों वंदना और अंशुमन को तो ऐसा लगता है जैसे पिताजी कहीं गए हैं, थोड़ी देर से लौट आएंगे।’
शारदा सिन्हा ने पति से किया था वादा
भोजपुरी सिंगर ने अंत में दुख भरे मन से लिखा था, ‘ये चीरता सन्नाटा, ये शूल सी चुभन, हृदय जैसे फट कर बाहर आ जाएगा! आखिरी मुलाकात की एक तस्वीर बची है, सबके दर्शनार्थ यहां साझा कर रही हूं। पोती उनकी गोद में है, आंखे उनकी भरी भरी, मैं द्रवित सी, दिलासा देती साथ खड़ी हूं। मैं जल्द ही आउंगी… मैने बस यही कहा था उनसे…!’

गौरतलब है कि शारदा सिन्हा का निधन पति की मौत के करीब 5 हफ्ते बाद ही हो गया। उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ पटना में किया जाएगा। उनकी अंतिम यात्रा वहीं निकाली जाएगी जहां उनके पति का अंतिम संस्कार किया गया था। शारदा सिन्हा के बेटे ने बताया कि उनकी मां ने कहा था कि वो सुहागन जाना चाहती थी लेकिन अब उनके पति नहीं रहे तो उनका भी अंतिम संस्कार वहीं करे जहां उनके पति का हुआ था। इस खबर को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।