शाहरुख खान ने हाल ही में दुबई में अपने नाम पर एक कमर्शियल बिल्डिंग का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि वो आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं और ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि वो अपने माता-पिता के लिए एक बड़ा इंसान बनना चाहते थे। कार्यक्रम में बोलते हुए अभिनेता ने कहा, “मैं इतना बड़ा बनना चाहता था कि मेरे दिवंगत माता-पिता मुझे आसमान से देख सकें।”
60 वर्षीय अभिनेता अपनी पुरानी दोस्त फराह खान के साथ दुबई में थे। जहां उन्होंने उनके सम्मान में उनके नाम का कमर्शियल टावर शाहरुख बाय डेन्यूब के उद्घाटन समारोह में भाग लिया। अपने जीवन के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “फराह, चूंकि हम इस बारे में बात कर रहे हैं, मेरे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण क्षण मेरे माता-पिता का निधन था जब मैं बहुत छोटा था। मुझे लगा कि वे आकाश में तारे बन गए हैं। मुझे लगा कि वे तारा बन चुके हैं और वे मुझे नहीं देख पाएंगे।”
शाहरुख ने आगे कहा, “इसलिए मैंने एक बेहतर इंसान बनने के लिए और भी ज़्यादा मेहनत की। भगवान मुझ पर बहुत मेहरबान रहे हैं। मैंने हाल ही में लंदन में ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ फिल्म से अपनी एक कांस्य प्रतिमा स्थापित करवाई है, मुझे राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है, और अब दुबई में एक इमारत मेरे नाम पर है। मेरा मकसद धरती पर इतना बड़ा बनना था कि मेरे माता-पिता मुझे स्वर्ग से देख सकें। मेरे लिए, यही जीवन बदलने वाला पल है।”
उस विशाल इमारत को देखते हुए फराह खान ने कहा, “यह आसमान के जितना करीब हो सकता है, उतना ही करीब है।” शाहरुख खान मुस्कुराए और बोले, “मुझे उम्मीद है कि वे मुझे वहां से देख पाएंगे।”
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शाहरुख खान अपने माता-पिता के बहुत करीब थे। उनके पिता मीर ताज मोहम्मद खान, एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे।उनकी माता लतिफ फातिमा एक गृहिणी थीं। शाहरुख ने अपने माता-पिता को बहुत प्यार किया और उनकी मृत्यु के बाद उन्हें बहुत दुख हुआ। शाहरुख खान ने फिल्म जगत में आने से पहले ही अपने माता-पिता दोनों को खो दिया था। उनके पिता का निधन तब हुआ जब वो महज 14 साल के थे और जब वह 24 साल के थे उनकी मां भी चल बसीं।
