फिल्मी सितारों की दुनिया ग्लैमर से भरी होती है। लोग भी उनके दीवाने होते हैं। उनके साथ फोटो की चाहते होती हैं। आजकल चलन सेल्फी का है इसलिए सितारों के फैन आजकल अपने पसंदीदा हीरो या हेरोइन के साथ सेल्फी लेने के लिए आकुल-व्याकुल रहते हैं। लेकिन क्या हो अगर फिल्मी सितारा सेल्फी के लिए तैयार न हो। फिर फैन क्या सोचेगा या करेगा? और फैन को गुस्सा आ जाए तो।
कल्पना कीजिये और न कर सकें तो ‘सेल्फी’ फिल्म देखिये जिसका निर्देशन किया है राज मेहता ने और जो कुछ साल पहले आई मलयाली फिल्म ‘ड्राइविंग लाइसेंस’ का हिंदी रूपांतर है या रीमेक है। यानी अक्षय कुमार की ओर से एक और रीमेक।
अक्षय कुमार ने इसमे विजय कुमार नाम के एक फिल्मी सितारे किरदार निभाया है जो भोपाल में एक फिल्म की शूटिंग कर रहा है। अचानक उसे पता चलता है कि अगली शूटिंग के लिए उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस होना जरूरी है जो कि उसके पास नहीं है। पर इस बीच उसको एक मदद करने वाला मिल जाता है। जिसका नाम है ओम प्रकाश अग्रवाल (इमरान हाशमी) जो भोपाल में ही परिवहन विभाग में काम करता है।
संयोग से ओमप्रकाश और उसका पूरा परिवार विजय कुमार का फैन है। ओम प्रकाश विजय कुमार को कहता है कि वो अगले दिन उसके विभाग में आ जाए उसका काम हो जायेगा। जब विजय कुमार उसके ऑफिस पहुंचता है तो पाता कि वहां तो बड़े पैमाने पर मीडिया के लोग है। उसे लगता है कि ओम प्रकाश ने अपने प्रचार के लिए मीडिया को वहां बुलाया है। दोनो के तनाव बढ़ जाता है। क्या अब विजय कुमार का ड्राइविंग लाइसेंस बन पायेगा? क्या ओम प्रकाश अपने पसंदीदा हीरो के साथ एक सेल्फी ले पायेगा? फिल्म आगे इन्हीं बातों को लेकर आगे बढ़ती है।
फिल्म काम चलाऊ रूप से ठीक ठाक है लेकिन बहुत दम दार नहीं है। एक बार फिर से अक्षय कुमार अपने चरित्र को मजबूती से पेश नहीं कर पाते। कारण वही है कि अक्षय इतनी फिल्मों में में काम करते हैं कि अपने चरित्र पर पूरी तरह ध्यान नहीं दे पाते। इसी कारण उनकी हालिया फिल्में जल्द बाजी में की गई फिल्में लगती हैं। इमरान हाशमी भी बस औसत हैं। वैसे कुछ साल पहले इसी विषय पर कुछ साल पहले शाहरूख खान की फिल्म ‘फैन’ आई थी जिसमें उन्होंने फिल्मी सितारे और उसके फैन-दोनों की भूमिका निभाई थी। वो भी बॉक्स ऑफिस पर पिट गई थी। कहीं सेल्फी का भी वही हाल न हो जाए।
