कश्मीरी पंडितों पर केंद्रित फिल्म The Kashmir Files को लेकर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। एक वर्ग इस फिल्म के जरिये प्रोपगेंडा फैलाने का आरोप लगा रहा है। फिल्म में परोक्ष तौर पर जेएनयू पर भी तीखी टिप्पणी की गई है। इसी बीच अब द कश्मीर फाइल्स के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री का जेएनयू से जुड़ा एक बयान सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
“आपको जेएनयू से इतनी नाराजगी क्यों है”? विवेक अग्निहोत्री से द लल्लनटॉप को दिए पुराने इंटरव्यू के दौरान पूछा गया था कि आपको जेएनयू से इतनी नाराजगी क्यों है? इस पर विवेक ने कथा कि “इसके दो-तीन कारण हैं। एक तो मेरा अपना व्यक्तिगत कारण है। मैंने अभी तक देखा नहीं कि कोई जेएनयू से पढ़कर आया हो और प्रोडक्टिविटी और एफिसिएंसी की बात करता हो।”
विवेक अग्निहोत्री ने बताई ये वजह: विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि “साधारण तौर पर हर समय यही कहते रहते हैं कि हिन्दुस्तान में उच्च जाति के लोग, नीची जाति के लोगों पर अत्याचार करते हैं। ये कहना बिलकुल गलत नहीं है लेकिन क्या यही सत्य है? यह भी तो सत्य है कि पिछले 70 सालों में इस दिशा में कई बदलाव हुए हैं।” विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि “आज के समय में दस ऐसे पत्रकारों का नाम गिनाना मुश्किल है जिन्हें लोग अपना प्रेरणास्रोत मान सकें।”
इस पर विवेक अग्निहोत्री से पूछा गया कि आप कैसे डिसाइड करते हैं कि कौन-सा पत्रकार ठीक है और कौन गलत? इस पर विवेक ने कहा था कि “मैं डायरेक्टर हूं, मैं देखते ही पहचान लेता हूं और मुझे उम्मीद है कि आप एक अच्छे पत्रकार हैं।” इसके बाद विवेक से सवाल पूछा गया कि आपने जेएनयू को लेकर खूब बातें की लेकिन निर्मला सीतारमण को लेकर आपकी क्या राय है?
निर्मला सीतारमण के सवाल पर क्या बोले विवेक अग्निहोत्री? इस पर विवेक अग्निहोत्री कुछ देर के लिए तो शांत होते हैं और कहते हैं कि “जेएनयू से इतने अच्छे लोग निकले हैं जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते लेकिन जब आप साधारण तौर पर बात करते हैं कि बॉलीवुड की फिल्मों में अब कोई कंटेंट नहीं होता तो क्या यही सही है। मेरी कही हुई बात के तंज को समझने की कोशिश कीजिये, ये व्यंग्य है।”
इंटरव्यू ले रहे सौरभ द्विवेदी ने पूछा था कि आपके हिसाब से (98% खराब और 2 % ठीक लोगों में से) मैं कौन सी कैटेगरी से हूं क्योंकि मैं भी जेएनयू से ही हूं? इस पर विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि आपके हाव-भाव से मुझे शक तो हो रहा था। हर चीज को कूरेदने वाली आदत है आपमें।”
बता दें कि विवेक अग्निहोत्री पिछले कई दिनों से विवादों में हैं। फिल्म पर उन्माद फैलाने का आरोप तो लग ही रहा है लेकिन उनके पुराने कई बयान वायरल हो रहा है। भोपाल को लेकर विवेक अग्निहोत्री ने कहा था कि “मैं भोपाल में रहा हूं लेकिन भोपाली नहीं हूं। भोपाली का एक अलग मतलब होता है। भोपाली मतलब होमोसेक्सुअल। विवेक अग्निहोत्री के इस बयान पर भी विवाद खड़ा हो गया है।
