भारत की अध्यक्षता में युनाइटेड नेशंस सिक्यॉरिटी काउंसिल ने एक प्रस्ताव पर मोहर लगा दी है, जिसके तहत तालिबान को अफगानिस्तान में कामकाज संभालने के लिए ‘सशर्त मान्यता’ दे दी गई है। प्रस्ताव के मुताबिक तालिबान अस्थायी सरकार के तौर पर वहां काम कर रहा है। तालिबान को लेकर न्यूज 18 के डिबेट शो ‘आरपार’ में भी चर्चा की गई, जहां भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा और मुस्लिम स्कॉलर शोएब जामई में जमकर बहस हुई। डिबेट के बीच ही शोएब जामई ने संबित पात्रा से सवाल करने शुरू कर दिये कि तालिबान आतंकी संगठन है या नहीं?

बता दें कि हाल ही में तालिबानी नेता के साथ भारत के राजदूत दीपक मित्तल ने दोहा में बैठक की थी। इस बारे में बात करते हुए संबित पात्रा ने कहा, “दोहा में जो हुआ वह बातचीत करना है, मान्यता देना नहीं था। कंधार के विषय में भी हाईजैकर से बातचीत हुई थी, इसका मतलब यह नहीं था कि हमने आतंकवादियों को मान्यता दे दी थी।”

संबित पात्रा की बातों पर तंज कसते हुए शोएब जामई ने कहा, “संयुक्त राष्ट्र में आपने कैसे मान्यता दे दी फिर।” उनकी बात का जवाब देते हुए संबित पात्रा ने कहा, “आप हर जगह ऐसे ही बीच में बोले हैं क्या? ये आतंकवादियों को मान्यता दी जाए, उसके लिए यह मरे क्यों जा रहे हैं। ये क्यों ऐसा करवाना चाहते हैं।” वहीं पैनलिस्ट ने जवाब देते कहा, “आप अपना स्टैंड स्पष्ट कीजिए ना।”

संबित पात्रा और शोएब जामई की यह तकरार यहीं नहीं रुकी। मुस्लिम स्कॉलर ने भाजपा प्रवक्ता से सवाल करते हुए कहा, “आप आतंक मत फैलाइये यहां। आप सीधा कहिए ना कि तालिबान आतंकी संगठन है या नहीं, देरी क्यों कर रहे हैं इस बात पर आप।” उनकी बात का जवाब देते हुए संबित पात्रा बोले, “मैं कहुंगा, आपके क्या अब्बाजान हैं क्या जो आप इतना ज्यादा परेशान हो रहे हैं।”

वहीं न्यूज एंकर अमिश देवगन ने शोएब जामई से सवाल करते हुए कहा, “आप बताओ न कि आप उसे आतंकी संगठन मानते हो या नहीं?” उनकी बात पर पैनलिस्ट ने कहा, “मैं तालिबान को एक्सट्रीमेट संगठन मानता हूं। लेकिन भारत सरकार यहां उसे आतंकी संगठन घोषित क्यों नहीं कर रही है।”