बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) को इस दुनिया से अलविदा कहे दो साल से ज्यादा हो गए है, लेकिन एक्टर की मौत की गुत्थी अभी तक सुलझ नहीं पाई है। बीते दिन बॉलीवुड के दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) का केस एक बार फिर गरमा गया है। दरअसल, पिछले दिन कूपर हॉस्पिटल के मोर्चरी सर्वेंट रूपकुमार शाह के द्वारा किए गए एक दावे ने सबको हिला कर रख दिया है। रूप कुमार ने दावा करते हुए कहा एक्टर हत्या हुई थी। अब इस खुलासे के बाद से बड़ा हंगामा हो गया है। एक्टर के फैंस से लेकर परिवार तक सभी अब इस मामले में अपडेट चाहते हैं। इन सबके बीच रिया चक्रवर्ती (Rhea Chakraborty) ने एक पोस्ट किया है। जो सोशल मीडिया पर सुर्खियों में है।
रिया चक्रवर्ती ने पोस्ट में क्या लिखा
एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि ‘आप आग से गुजरे हैं, बाढ़ से बचे हैं और राक्षसों पर जीत हासिल की है, अगली बार जब आप अपनी शक्ति पर शक करो तो इसे याद रखना।’
बता दें कि साल 2020 में सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद एक्टर के पिता ने रिया चक्रवर्ती पर आरोप लगाए थे। उनका कहना था कि एक्ट्रेस ने उनके बेटे को आत्महत्या के लिए उकसाया था। रिया चक्रवर्ती को इस मामले में जेल तक जाना पड़ा था। केवल रिया ही नहीं बल्कि ड्रग एंगल में उनके भाई शौविक चक्रवर्ती भी फंसे थे।
एक्टर की मौत पर क्या हुआ दावा
बता दें कि कूपर अस्पताल के अटॉप्सी स्टाफ में शामिल रूपकुमार शाह ने दावा किया है कि ‘मैं 14-15 तारीख को ड्यूटी पर था। जब मैंने सुशांत सिंह राजपूत का शव देखा तो यह आत्महत्या का मामला नहीं लगा रहा था। उनके शरीर पर चोट के निशान थे। मैं अपने सीनियर के पास गया, लेकिन उन्होंने कहा कि हम बाद में इस पर चर्चा करेंगे।’
बिहार के पूर्व डीजीपी ने दी प्रतिक्रिया
वहीं इस मामले पर बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि महाराष्ट्र सरकार बदलने से उम्मीद जगी है कि अब सच सामने आ सकता है और पूरी स्थिति की जांच के लिए एक एसआईटी भी गठित की गई है। गुप्तेश्वर पांडे ने आगे कहा कि बिहार से भेजे गए अधिकारियों की एक टीम के प्रति मुंबई पुलिस ने अच्छा व्यवहार नहीं किया था और तब मुझे लगा कि वे कुछ छिपा रहे हैं। साथ ही उन्होंने एक आईपीएस अधिकारी को एक घर में नजरबंद कर दिया था। इस मामले में मेरी टीम को जो वक्त मिलना चाहिए था वो नहीं मिला गर हमको 15 दिनों का समय मिलता तो ये मामला सुलझ गया होता।