रिपब्लिक टीवी (Republic TV) के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी (Arnab Goswami) अग्रिम जमानत के लिए बांबे हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। इससे पहले बांबे हाईकोर्ट ने अर्नब गोस्वामी को अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया था और उनसे सेशन कोर्ट जाने के लिए कहा था। दरअसल 4 नवंबर को मुंबई पुलिस ने पत्रकार अर्नब गोस्वामी को एक युवक को सुसाइड के लिए उकसाने के मामले में गिरफ्तार किया था। इस मामले में उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत पर भेजा गया था।

अर्नब गोस्वामी के सुप्रीम कोर्ट जाने के फैसले पर तमिलनाडु की शिवगंगा सीट से कांग्रेस सांसद और पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम का ट्वीट सामने आया है। कार्ति चिदंबरम ने ट्वीट करते हुए पूछा है,’क्या सुप्रीम कोर्ट में दीपावली की छुट्टी नहीं है ?’

कार्ति चिदंबरम के इस ट्वीट पर यूजर्स की तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। वामसी चंद्रन नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा है,’सर मुझे याद है जब आप कोर्ट में हाजिर होते थे तो अर्नब गोस्वामी आपको ‘वी साइन’ दिखाकर चिढाया करते थे। आज कर्मा उनके सामने हैं, अब अर्नब को वी साइन दिखाया जा रहा हैं और वो मदद के लिए रो रहे हैं।’ शुभांशु मिश्रा नाम के यूजर ने जवाब देते हुए लिखा है,’ सर वेकेशन बेंच हमेशा बैठती है।’ उदय पारिक नाम के यूजर ने लिखा है,’आतंकवादी के लिए रात को खुलवा दी थी तब ये ज्ञान नहीं था?’ एक अन्य यूजर ने लिखा है,’ निर्भर करता है केस किसका है!’

दरअसल रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी को बुधवार सुबह मुंबई पुलिस ने उनके घर से गिरफ्तार कर लिया था। अर्नब गोस्वामी को इंटीरियर डिजाइनर को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी के बाद अर्नब गोस्वामी ने अपनी जान को खतरा भी बताया था।

रविवार को रिपब्लिक टीवी के पत्रकार प्रदीप भंडारी ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) एसए बोबडे को पत्र लिखा है। प्रदीप भंडारी ने मुख्य न्यायाधीश से आग्रह किया है कि अर्नब गोस्वामी को तलोजा जेल में खतरनाक अपराधियों एवं ‘अंडरवर्ल्ड’ के साथ रखे जाने के कदम का संज्ञान लिया जाए और उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाए। प्रदीप भंडारी ने रविवार को सीजेआई को लिखे पत्र में आरोप लगाया कि अर्नब गोस्वामी को ‘गलत बहाने’ से जेल में स्थानांतरित किया गया है।