रिपब्लिक भारत (Republic Bharat) की लाइव डिबेट में अर्णब गोस्वामी (Arnab Goswami) के सामने एक पैनलिस्ट अचानक से बिफर पड़े और बोले कि आप ही बोलते रहोगे तो हमें बुलाने का क्या फायदा? पैनलिस्ट ने अर्णब से सवाल पूछ लिया। दरअसल, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने 2015 में हुए मारपीट के एक मामले में साधु-संतों से माफी मांगी है।
इसी को लेकर रिपब्लिक भारत के पूछता है भारत में डिबेट छिड़ी हुई थी। सपा नेता अतुल सक्सेना का कहना है कि अखिलेश यादव ने छह साल बाद संतों से माफी मांगकर परिपक्वता दिखाई। तो वहीं अर्णब गोस्वामी ने सवाल उठाया कि लाठीचार्ज पर माफी मांगने वाले अखिलेश, अयोध्या नरसंहार पर कब मांगेगे माफी ? इस पर तपस्वी छावनी के महंत परमहंस ने सपा नेता अतुल सक्सेना से पूछा – निहत्थे कारसेवकों को गोलियों से भूनने वाले अखिलेश के पिता मुलायम सिंह यादव कब माफी मांगेंगे?
अर्णब इस बीच गुस्से में चिल्लाने लगे और बोले कि जब साधुओं की हत्या हुई तब माफी क्यों नहीं मांगी गई? इस पर सपा नेता बोले- अरे बोलने तो दीजिए। आप ही आप बोलते रहेंगे तो हमें क्यों बुलाया है? अर्णब उन्हें कहते हैं- आप माफी मांगिए पहले। अरे नहीं समझे ना आप 30 साल से नहीं समझे आप। आप तो बोल नहीं पा रहे, लाठी पर मरहम लगाएंगे आप? मैं पूछता हूं लाठी पर मरहम लगाने वाले अखिलेश को गोली की गम है कि नहीं आपको? साधुओं पर गोली चलवाई!
वहीं हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास ने कहा- 1990 का वह काला दिन राम भक्त कभी नहीं भूल सकते जब अयोध्या की गलियों में खून बह रहा था और अयोध्या सरयू पुल पर कारसेवकों के शव बिखरे पड़े थे। चारों तरफ चीख-पुकार हाहाकार मची थी। राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य डॉ. रामविलास वेदांती ने डिबेट में कहा- अखिलेश यादव को सबसे पहले उनके पिता के कुकृत पर क्षमा मांगनी चाहिए।
बीजेपी प्रवक्ता डॉ सुधांशु त्रिवेदी आगे बोले- संतों के साथ जो- जो द्रोह करता है, उसे पश्चाताप तो करना पड़ता है। वक्त कितना बदल गया है। अखिलेश सरकार ने गाजियाबाद में हज हाउस बनावाया था लेकिन संतो के लिए क्या किया?
छह साल बाद पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने संतों से माफी मांगकर परिपक्वता दिखाई: सपा नेता अतुल सक्सेना
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— रिपब्लिक.भारत (@Republic_Bharat) April 13, 2021
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रत्नाकर त्रिपाठी ने भी कहा- अखिलेश यादव को साधुओं पर लाठीचार्ज कराने के लिए माफी नहीं मिलनी चाहिए। क्योंकि यह जानबूझकर किया गया कृत था।