भोजपुरी सिनेमा में महानायक के तौर पर पहचान बनाने वाले एक्टर रवि किशन (Ravi kishan) आज नाम नहीं बल्कि एक ब्रैंड बन चुके हैं। जिंदगी में काफी उतार-चढ़ाव के बाद उन्हें आज ये सफलता हासिल हुई है, जिस मुकाम पर हैं। भोजपुरी सिनेमा में बेहतरीन फिल्मों का हिस्सा बनने और बॉलीवुड में शानदार अभिनय से उन्होंने दर्शकों का दिल जीत लिया। वहीं, साउथ में तो विलेन की भूमिका से फैंस के दिलों में अलग ही जगह बनाई है। इसके साथ ही ओटीटी पर अलग-अलग किरदारों से छाप छोड़ने वाले रवि किशन संसद में भी दहाड़ते हैं तो विपक्ष सतर्क हो जाता है। तालियों की गड़गड़ाहट वहां भी कम नहीं होती है।
दरअसल, रवि किशन 17 जुलाई, 1969 को अपना जन्मदिन मना रहे हैं। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में हुआ था। गोरखपुर से निकलकर मुंबई तक जाना उनके लिए आसान नहीं था। जब वो छोटे थे तो उनको तभी से एक्टिंग का शौक था। वो मोहल्ले में होने वाली राम लीला में सीता का रोल प्ले करते थे। वहीं, उनके पिता इसके खिलाफ थे और इसी बीच एक्टर को सीता के गेटअप में देख लिया तो पीट-पीटकर वो जान ही ले लेना चाहते थे फिर जैसे-तैसे मां ने रवि किशन को घर से भगाया था और वो मुंबई चले आए थे। यहां उन्हें सपने, काम और पेट के लिए कमर तोड़ मेहनत करनी पड़ी।
रवि किशन ने फिल्मी करियर की शुरुआत फिल्म ‘पीतांबर’ से की थी। इसका निर्देशन हृदेश शेट्टी ने किया था। लेकिन कुछ कारणों की वजह से ये फिल्म रिलीज नहीं हो पाई थी। रवि किशन अपने स्ट्रगल को लेकर कई बार बात कर चुके हैं कि शुरुआत फिल्मों में काम करवा लिया जाता था लेकिन पैसे नहीं मिलते थे। मेकर्स कहते थे कि फिल्म में काम दे दिया कम है क्या? एक बार तो ऐसा हो गया था कि उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वो बेटी को जन्म के बाद अस्पताल से घर ला पाते।
भोजपुरी का किया रुख
रवि किशन को जब हिंदी फिल्मों में खास सफलता और काम नहीं मिला तो उन्होंने भोजपुरी फिल्मों और बी-ग्रेड की फिल्मों में काम करना शुरू किया। एक्टर ने भोजपुरी में उन्होंने ‘सैयां हमार’, ‘गब्बर सिंह’, ‘गंगा’, ‘कब होई गवना हमार’, ‘दूल्हा मिलल दिलदार’, और ‘बांके बिहारी एमएलए’ जैसी कई शानदार भोजपुरी फिल्में की। वो भोजपुरी इंडस्ट्री के सुपरस्टार हैं। 1992 से रवि किशन एक्टिंग की दुनिया में एक्टिव हैं। हालांकि, बाद में उनके भी दिन फिर और बॉलीवुड फिल्मों में सपोर्टिंग रोल में काम करने लगे। उन्हें असल पहचान सलमान खान की फिल्म ‘तेरे नाम’ से मिली, जिसमें उन्होंने निर्जला के मंगेतर का रोल प्ले किया था। इसमें उन्हें काफी पसंद किया गया था।
‘लापता लेडीज़’ से ऑस्कर तक का सफर
इसके अलावा, रवि किशन ओटीटी पर भी अपने अभिनय का लोहा मनवा चुके हैं। भोजपुरी, बॉलीवुड और साउथ के बाद एक्टर ने ओटीटी पर भी कमाल का काम किया। वो कई वेब सीरीज और फिल्मों का हिस्सा रहे हैं। ओटीटी पर उनकी बेहतरीन फिल्मों में से 2024 में रिलीज हुई फिल्म ‘लापता लेडीज’ है। इसमें उन्हें सपोर्टिंग रोल में देखा गया था। इस फिल्म में वो पुलिसवाले के रोल में थे, जिसमें उन्हें काफी पसंद किया गया था। इस फिल्म को IIFA अवॉर्ड्स मिले। रवि किशन को बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का अवॉर्ड मिला था। फिल्म ने अपने नाम 10 आईफा अवॉर्ड किए थे।
रवि किशन ने ओटीटी पर कई वेब शो में काम किया है, जिसके जरिए वो स्क्रीन पर छाए रहते हैं। उन्होंने ‘रंगबाज’, ‘हंसमुख’, Matsya Kaand, ‘खाकी: द बिहार चैप्टर’ जैसी बेहतरीन वेब सीरीज का हिस्सा रहे हैं। 2024 में उन्हें ‘मामला लीगल है’ में देखा गया था। इसमें पहले सीजन में उन्हें वकील तो दूसरे सीजन में जज के रोल में देखा गया था।
रवि किशन का राजनीतिक करियर
अगर रवि किशन के राजनीतिक करियर की बात की जाए तो साल 2014 में वो राजनीति में उतरे थे। उन्होंने इसकी शुरुआत कांग्रेस से की थी। पहली बार एक्टर ने जौनपुर से चुनाव लड़ा था और उन्हें हार मिली थी। इसके बाद साल 2017 में रवि किशन ने बीजेपी का दामन थाम लिया था। साल 2019 और 2024 में गोरखपुर से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।
राजनीति में भी अपना परचम लहरा रहे रवि किशन
सिर्फ अभिनय ही नहीं, बल्कि संसद में भी रवि किशन सबसे आगे हैं। 26 जुलाई 2025 को उन्हें ‘सांसद रत्न’ सम्मान से नवाज़ा जाएगा। उन्हें यह पुरस्कार सत्र में सर्वाधिक सवाल पूछने वाले सांसदों में शुमार होने के लिए मिल रहा है। पिछले सत्रों में उन्होंने ड्रग्स, बेरोजगारी, फिल्म इंडस्ट्री में सुधार, गोरखपुर के विकास, MSME सेक्टर, रेलवे सुविधाएं, महिला सुरक्षा और डिजिटल ग्राम जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर खुलकर प्रश्न किए और बहस में भाग लिया। उनकी ऊर्जा, स्पष्टता और ‘डायलॉग डिलीवरी’ आज संसद में भी उतनी ही चर्चित है, जितनी पहले फिल्मों में हुआ करती थी।
झोपड़ी में रहने वाले रवि किशन के पास हैं 11 बंगले
रवि किशन एक बार शुभांकर मिश्रा के पॉडकास्ट में पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने अपने स्ट्रगल के बारे में बात की थी और बताया कि वो झोपड़ी में रहते थे। उनके ऊपर जिम्मेदारी थी। उनके खेत जमीन सब गिरवी थी। उन्होंने बेहद ही गरीबी के दिन देखे थे। एक्टर ने बताया था कि वो एक प्लेट खिचड़ी में 12 लोग खाते थे, जिसमें पानी मिलाते थे। लेकिन, आज रवि किशन एक आलीशान जिंदगी जीते हैं, वो भी सिर्फ अपनी मेहनत के दम पर। एबीपी की रिपोर्ट की मानें तो आज उनके पास अलग-अलग जगहों पर 11 घर हैं। उनके घर मुंबई, पुणे, गोरखपुर, जौनपुर में स्थित हैं। वहीं, चुनावी हलफनामे के अनुसार, रवि किशन की नेटवर्थ 36 करोड़ है और 2.55 करोड़ की पैतृक सम्पत्ति है।
वहीं, अगर रवि किशन के प्रोफेशनल फ्रंट की बात की जाए तो एक्टर जल्द ही अजय देवगन के साथ फिल्म ‘सन ऑफ सरदार 2’ के जरिए स्क्रीन शेयर करते हुए नजर आने वाले हैं। इसके जरिए वो पहली बार सरदार के रोल में दिखेंगे। फिल्म में संजय दत्त को रवि किशन ने रिप्लेस किया है। फिल्म को 25 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज किया जाएगा।