नरेंद्र मोदी सरकार की तीन कृषि कानूनों पर सरकार और किसानों के बीच बने गतिरोध को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल जनवरी में एक समिति का गठन किया था। हालांकि किसान संगठन किसी भी समिति के गठन के पक्ष में नहीं थे। अब भी सरकार का कहना है कि बुलाने के बावजूद भी किसान समिति में कभी शामिल होने नहीं आते। इस बात पर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत ने अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा है कि सरकार प्रत्यक्ष रूप से किसानों से बातचीत कर ले।

इंडिया टीवी से एक इंटरव्यू एक दौरान राकेश टिकैत ने ये बातें कहीं। उनसे सवाल पूछा गया, ‘सरकार ने कहा कि जो सुनवाई चल रही है उसमें किसानों को पक्षकार बनाया जाए। सरकार ने तीन सदस्यीय कमेटी भी बनाई हुई है, किसानों को बुलाते हैं तो आते नहीं हैं वो लोग, ऐसा सरकार ने कहा कोर्ट में।’ राकेश टिकैत ने जवाब दिया, ‘नहीं, हम तो जाते हैं। हम तो कह रहे हैं सरकार हमसे कर ले बातचीत। सरकार बात करना नहीं चाहती। हम तो चाहते हैं सरकार से बातचीत हो हमारी।’

जब उनसे पूछा गया कि क्या वो कोर्ट में पक्षकार बनने के लिए तैयार हैं तो वो बोले, ‘कोर्ट से हमारा क्या मतलब? हमारा मतलब तो सरकार से है। कोर्ट ने सरकार को कहा है कि समाधान करो, अब सरकार करे समाधान। हम तो सरकार को चिट्ठी लिखते हैं कि बातचीत करो हमसे। सरकार बातचीत करती नहीं।’

दिल्ली आने जाने वाले रास्तों की ब्लॉकिंग को लेकर राकेश टिकैत से कहा गया कि पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रखी है लेकिन किसानों को भी लोगों को रास्ता देना चाहिए। इस बात पर उन्होंने कहा, ‘आप दिखाते क्यों नहीं? खुल तो रहे रास्ते…आप दिखाओ, अभी चलते हैं।’

बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने किसान महापंचायत की एक याचिका की सुनवाई के दौरान हाईवे की ब्लॉकिंग को लेकर जमकर फटकार लगाई थी। दरअसल किसान महापंचायत ने दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन की इजाजत के लिए एक याचिका दायर की थी जिस पर कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा था कि लंबे समय से चले आ रहे प्रदर्शन ने शहर का गला घोंट दिया है अब शहर में जाकर किसान अशांति फैलाना चाहते हैं। इस टिप्पणी पर राकेश टिकैत ने कहा कि रास्ते किसानों ने नहीं बल्कि पुलिस ने जाम कर रखे हैं।