केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के विरोध में किसान लगातार दिल्ली से सटे बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। दूसरी ओर किसान नेता राकेश टिकैत का भी कहना है कि जब तक कानून वापस नहीं लिये जाते, वे लोग यूं ही प्रदर्शन करते रहेंगे। इससे इतर कृषि कानूनों को लेकर राकेश टिकैत ने एक बार फिर से केंद्र सरकार पर तंज कसा। उन्होंने कानूनों को लेकर ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने कहा कि अगर ये कृषि कानून होते तो अब तक वापस ले लिये जाते, लेकिन ये व्यापारी कानून हैं।

राकेश टिकैत का कृषि कानूनों को लेकर किया गया यह ट्वीट सोशल मीडिया पर जमकर सुर्खियां बटोर रहा है। राकेश टिकैत ने अपने ट्वीट में लिखा, “तीनों कृषि कानून के माध्यम से सरकार ने कॉरपोरेट्स को किसानों की लूट करने का रास्ता दिया है।”

ट्वीट में राकेश टिकैत ने आगे लिखा, “अगर यह कृषि कानून होते तो अब तक वापस ले लिये जाते। लेकिन यह व्यापारी के कानून हैं, इसलिए सरकार किसानों की अनदेखी कर रही है।” उनके इस ट्वीट को लेकर सोशल मीडिया यूजर भी जमकर कमेंट कर रहे हैं।


बीर्बल नाम के एक यूजर ने राकेश टिकैत के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा, “यह कानून कॉर्पोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाए गए हैं। जानबूझकर किसानों को गुमराह करने के लिए कृषि कानूनों का नाम दिया गया है।” अनिल नाम के एक यूजर ने उन्हें सलाह देते हुए लिखा, “आंदोलन को ताकत और ऊर्जा मिलेगी। इसलिए छोटे, लघु खेतिहर मजदूर किसानों को भी इसमें शामिल करें।”

राकेश टिकैत के ट्वीट पर आए यूजर के कमेंट यहीं नहीं रुके। राजीव नाम के एक यूजर ने लिखा, “बिल्कुल सही कहा आपने, एक तरफ किसान और दूसरी तरफ नौजवान। दोनों को इतना परेशान किया जा रहा है कि कभी-कभी डर लगता है कि गलत रास्ता न अपना लें।” वहीं करण नाम के यूजर ने राकेश टिकैत पर तंज कसते हुए लिखा, “आप सुप्रीम कोर्ट क्यों नहीं जाते हैं। यहां आपकी पोल खुल जाएगी।”

बता दें कि राकेश टिकैत ने इससे पहले एक और ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा, “देश को लुटेरों से बचाने के लिए तीन चीजें जरूरी हैं। सरहद पर टैंक, खेत में ट्रैक्टर और युवाओं के हाथ में ट्विटर।” वहीं एक ट्वीट में सरकार को ताना मारते हुए उन्होंने लिखा, “या तो ये किसान और जनता रहेगी या सरकार रहेगी। अन्नदाता की आवाज झूठे मुकदमों से दबने वाली नहीं है।”