केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के विरोध में किसान बीते कई महीनों से लगातार दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हुए हैं। उनकी मांग है कि जब तक सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं ले लेती है, वह इस आंदोलन को खत्म करने वाले नहीं हैं। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कानूनों को लेकर राकेश टिकैत ने सुदर्शन न्यूज को भी इंटरव्यू दिया, जिसमें उन्होंने पुराना वक्त याद दिलाते हुए कहा कि पहले 3 क्विंटल गेंहू बेचकर एक तोला सोना खरीदा जा सकता था। इसके साथ ही कानूनों को लेकर उन्होंने सरकार पर भी जमकर निशाना साधा।
राकेश टिकैत इंटरव्यू में सरकार पर तंज कसते हुए कहा, “सरकार को तो अपने व्यापारियों को फायदा देना है। किसानों को लूटो और अपने व्यापारियों को सस्ते में दो और जनता को लूटो। इनके जो नए साथी आए हैं, उन्हें कैसे लाभ यह देंगे। ये उसी के लिए कानून आए हैं और उसी के लिए हम गारंटी चाहते हैं, जो कि हमें नहीं मिल रही है।”
राकेश टिकैत ने इंटरव्यू में आगे कहा, “किसान अपनी फसलें आधे दाम पर बेचता है। हम केवल गारंटी चाहते हैं कि सरकार हमें गारंटी दे कि इससे कम पर खरीद नहीं होगी, चाहे वह बाजार खरीदे या सरकार खरीदे। लेकिन सरकार का कहना है कि हम जितना खरीद सकते हैं खरीदेंगे, बाकी सस्ते में आपका लुटेगा।”
राकेश टिकैत ने अपने बयान में आगे कहा, “हमने अभी मार्केट रेट नहीं मांगा है। जिस हिसाब से दूसरी वस्तू की कीमतें हैं, उस हिसाब से हमें कीमत नहीं मिल रही।” उनकी इस बात पर न्यूज एंकर ने कहा कि तो क्या आप पुरानी व्यवस्था को दोबारा अपनाना चाहते हैं। इसपर राकेश टिकैत ने कहा, “उसे ही करवा दो, उससे तो बेहतर कुछ नहीं था।”
राकेश टिकैत ने पुरानी व्यवस्था को याद करते हुए कहा, “1968 में देश में पहली बार गेहूं की खरीद हुई, जिसकी कीमत भारत सरकार ने 76 रुपये प्रति क्विंटल रखी। उस वक्त सोने की कीमत 200 रुपये प्रति तोला था और तीन क्विंटल बेचकर 12 ग्राम सोना खरीदा जा सकता था। वह चीज आज दिलवा दो हमें।” उनकी इस बात पर न्यूज एंकर ने कहा, “लॉजिक के लिए यह बेहतर है, इससे ताली भी मिलेगी, लेकिन कुछ होगा नहीं।”
