किसान आंदोलन के नेता राकेश टिकैत ने मोदी सरकार पर एक बार फिर से निशाना साधा है। उनका कहना है कि- जहां किसान मीटिंग करना चाहता है वहां कोरोना है, जहां चुनाव है वहां कोरोना नहीं है। पश्चिम बंगाल इलेक्शन को ध्यान में रखते हुए पार्टियां रैली कर रही हैं और भारी भीड़ के बीच प्रचार में जुटी हुई हैं।
वहीं इस पर तंज कसते हुए राकेश टिकेत ने कहा कि जहां चुनाव हो रहे हैं वहां कोरोना नहीं है। कहीं ये धोखा तो नहीं हो रहा है। जबकि किसान जब मीटिंग करना चाहता है तो वहां कोरोना का प्रकोप कहा जा रहा है।
राकेश टिकैत ने कहा- धरना हमारा चलता रहेगा। ये हमारी रणनीति है। क्योंकि सरकार के लोग भी दिल्ली में नहीं हैं। वो तो चुनाव में बिजी हैं। हमारे लोग भी यहां धरने में और गांव में हैं। ये हमारी रणनीति है कि धरनों को मजबूत किया जाए। मोर्चे पक्के लगाए जाएं। आगे सरकार जब बातचीत करेगी तो हम बात करेंगे। सरकार जब बिना कंडिशन के बात करेगी बात तब होगी।
जहां किसान मीटिंग करना चाहता है वहां कोरोना है, जहां चुनाव है वहां कोरोना नहीं है- @RakeshTikaitBKU #FarmersProtest #CoronavirusIndia pic.twitter.com/HjVkdm4pkp
— News24 (@news24tvchannel) April 11, 2021
उन्होंने आगे तंज भरे अंदाज में कहा- पूरे देश का रेश्यो अगर उठाकर देखा जाए तो बंगाल में कितने मामले हैं? देश में जहां जहां भी चुनाव हुए वहां वहां कोरोना नहीं है।
सवाल करते हुए उन्होंने कहा- ‘क्या वहां का डाटा छिपाया जाता है? या मीटिंग करने के लिए छूट दी जाती है? किसानों की जैसे 11-12 को मीटिंग होगी, तो इस दिन लॉकडाउन रहेगा। दूसरी जगह लॉकडाउन नहीं रहेगा। जहां किसान मीटिंग करना चाहता है वहां कोरोना की गाइडलाइन्स का हवाला दिया जाता है। लेकिन जहां चुनाव है वहां सभी तरह की छूट है। तो कोरोना के नाम पर जनता के साथ धोखा तो नहीं हो रहा है?’
राकेश टिकैत ने आगे कहा- ये शाहीनबाग नहीं है, कि आंदोलन को कोरोना का बहाना लगा कर सरकारें सब साफ करवा देंगी। ये आंदोलन तब तक खत्म नहीं होगा जब तक ये तीन कानून वापस नहीं होगें। एमएसपी पर कानून नहीं बनेगा, सरकार जब तक हमारी कमेटी के बंदों से बातचीत नहीं करेगी। 10 तरीख के बाद फिर उसी तरह की भीड़ भरेंगे। जैसे ही सरकार दिल्ली में आएगी वैसे ही किसान दिल्ली में आ जाएगा। किसान की तैयारी पूरी है। कानून वापसी से पहले घरवापसी नहीं होगी।
राकेश टिकैत की बात सुन कर कई लोग कमेंट बॉक्स पर कहने लगे- अगर आप आंदोलनकारी हैं या नेताओं की रैली में जा रहे हैं, तो कोरोना आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकता। न ही उन नेताओं का जो रोज रोज मजे लेने के लिए आंदोलकारियों से बॉर्डर पर मिलने आते हैं। प्रमोद नाम के शख्स ने कहा- बिल्कुल सही कहा है ताऊ। ये कोरोना पार्टी वालों को पहचानता है, तभी तो चुनावी सभा में लाखों की भीड़ को देखकर डर जाता है। लेकिन किसान जो अपने पेट की लड़ाई के लिए रोड़ पर प्रदर्शन कर रहे हैं उनको सरकार कोरोना से डरा रही है।