पीएम नरेंद्र मोदी के कैबिनेट में आज शाम 6 बजे से फेरबदल किया जाएगा। बताया जा रहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी की नई कैबिनेट भारतीय इतिहास में सबसे युवा होगी। कैबिनेट में शामिल होने वाले लोगों की औसतन आयु जहां सबसे कम होगी तो वहीं शैक्षणिक योग्यता सबसे ज्यादा होगी। इसमें पीएचडी, एमबीए, पोस्ट ग्रेजुएट और प्रोफेशनल भी शामिल होंगे। पीएम मोदी के कैबिनेट विस्तार को लेकर इंडिया टीवी के मशहूर पत्रकार रजत शर्मा ने भी ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने लिखा कि मोदी के मंत्रिमंडल के विस्तार में 20 छोटी-छोटी जातियों के नेताओं को जगह दी जाएगी।

पीएम मोदी के मंत्रिमंडल पर किये गए इस ट्वीट को लेकर पत्रकार रजत शर्मा सुर्खियों में आ गए हैं। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, “कल मोदी के मंत्रिमंडल के विस्तार में 25 से ज्यादा ओबीसी, एससी और एसटी के चेहरे दिखाई देंगे। 20 छोटी-छोटी जातियों के नेताओं को जगह दी जाएगी। पिछड़े और वंचित समाज के कई लीडर मंत्री बनेंगे।”

अपने इस ट्वीट को लेकर रजत शर्मा सोशल मीडिया यूजर के निशाने पर आ गए। कई यूजर ने रजत शर्मा द्वारा छोटी-छोटी जातियां लिखने पर जमकर निशाना साधा। मशहूर फिल्म निर्माता धूप अश्विनी ने उनके ट्वीट के जवाब में लिखा, “जातियां छोटी नहीं होतीं, सोच छोटी है आपकी।”

 


राकेश नाम के एक यूजर ने रजत शर्मा के ट्वीट के जवाब में लिखा, “रजत जी आपने यह क्या छोटी-बड़ी जातियां लगा रखी हैं। आप इसको दूसरी भाषा में भी तो कह सकते थे। कहीं न कहीं यह भाषा आपकी मानसिकता को दर्शाती है, बस इतना कहना चाहूंगा। बाकी आप समझदार तो हैं ही।” दुर्गेश नाम के यूजर ने लिखा, “जातियों के मंत्री तो बना लोगे, लेकिन योग्यता कहां से लाओगे। अंत में इनमें से आधे से ज्यादा मंत्री भ्रष्ट निकलेंगे।”

नासिर रजा नाम के यूजर ने रजत शर्मा के ट्वीट के जवाब में लिखा, “एक पेशे से पत्रकारिता करने वाला शख्स भी छोटी-बड़ी जात की बात कर सकता है। विश्व गुरू भारत में कमाल की बात है।” अब्दुल नाम क एक यूजर ने लिखा, “छोटी छोटी जातियां’ यह साफ करने के लिए धन्यवाद। लगता है कि उच्च शिक्षित लोग भी मानव समकक्षता पर विचार नहीं करते।”

उज्जवल आनंद नाम के एक यूजर ने रजत शर्मा पर तंज कसते हुए लिखा, “यही जो जातियों में भी छोटी जाति की पहचान कर लेते हैं, यही हमारे समाज की सबसे छोटी सोच को उजागर करते हैं। आपकी सोच भी कितनी छोटी है।” ममता नाम की यूजर ने रजत शर्मा से सवाल करते हुए लिखा, “कितनी छोटी? उतनी कि आधी रात को परिवार की सहमति के बिना जला दो। अपनी आंखों का मोतियाबिंद सही कीजिए। मंत्रिमंडल विस्तार कोई सामाजिक न्याय की प्रक्रिया नहीं है, महज राजनीतिक लाभ के लिए लिया गया सोचा समझा कदम है।”