आमिर खान की फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ के बहिष्कार का असर फिल्म के कलेक्शन पर साफ नजर आ रहा है। बॉक्स ऑफिस पर ये फिल्म अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रही है। रिलीज के छह दिन बाद भी ‘लाल सिंह चड्ढा’ केवल 50 करोड़ रुपये की कमाई ही कर पाई है। फिल्म में आमिर खान के साथ अहम भूमिका में करीना कपूर, मोना सिंह और नागा चैतन्या भी हैं। एक्टर आर.माधवन ने फिल्म के फ्लॉप होने पर विस्तार से अपनी बात रखी है।

आर. माधवन से 17 अगस्त को मुंबई में उनकी फिल्म ‘धोखा- राउंड डी कॉर्नर’ के टीजर लॉन्च पर ‘लाल सिंह चड्ढा’ समेत तमाम बड़ी हिंदी फिल्मों की असफलता लेकर सवाल किया गया था। जिसपर उन्होंने कहा,”अगर हमें पता होता (लाल सिंह चड्ढा क्यों सफल नहीं हो पाई), तो हम सभी हिट फिल्में बना रहे होते। कोई नहीं सोचता कि हम गलत फिल्म बना रहे हैं। इस फिल्म को बनाने के पीछे की मंशा, कड़ी मेहनत उतनी ही है, जितनी हर फिल्म में की जाती है। सभी बड़ी फिल्में जो रिलीज हुई हैं उनके पीछे का इरादा एक अच्छी फिल्म बनाने और फिल्म को हिट करने का ही था।”

साउथ इंडियन फिल्मों को लेकर गलत माइंडसेट

आर.माधवन ने ये भी कहा, ये धारणा गलत है कि साउथ की फिल्में, हिंदी फिल्मों से बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं क्योंकि साउथ इंडस्ट्री की कुछ ही फिल्मों ने ही बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया है। एक्टर ने कहा कि इसे एक पैटर्न नहीं कहा जा सकता है।

अगर अच्छी फिल्में बनेंगी तो चलेंगी

जहां तक साउथ की फिल्मों की बात है, बाहुबली 1, बाहुबली 2, आरआरआर, पुष्पा, केजीएफ: पार्ट 1 और केजीएफ: पार्ट 2, ऐसी साउथ इंडियन फिल्में हैं जिन्होंने हिंदी फिल्म एक्टर्स की फिल्मों से बेहतर प्रदर्शन किया है। ये केवल छह फिल्में हैं। तो हम इसे पैटर्न नहीं कह सकते। अगर अच्छी फिल्में आती हैं तो वो चलेंगी ही।

दर्शकों की पसंद के साथ बदलना होगा

एक्टर ने कहा कि अगर दर्शकों को अच्छा कंटेंट दिया जाएगा तो वो थिएटर में जाकर फिल्म देखेंगे, चाहे भाषा कोई भी हो। एक्टर ने कहा कि महामारी के बाद दर्शकों की प्राथमिकता बदल गई है, यही कारण है कि हिंदी की फिल्में विफल हो रही हैं। एक्टर ने कहा,”कोविड-19 के बाद लोगों की प्राथमिकता बदल गई हैं। इसलिए हमें उस तरह की फिल्में बनानी चाहिए जो लोग देखना पसंद कर रहे हैं। हमें और एडवांस फिल्में बनानी होंगी।’