देशभर में कोरोना का प्रकोप जारी है। अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की भारी कमी चल रही है। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को संबोधित किया। ऐसे में पीएम मोदी के संबोधन को लेकर पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी ने ट्वीट किया। उन्होंने तंज भरे अंदाज में लिखा- ’19 मिनट ! क्या समझे….?’ प्रसून बाजपेयी ने एक और ट्वीट किया जिसमें उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि साल भर उन्होंने कुछ भी नहीं किया सिर्फ बातें ही कीं।
प्रसून ने अपने पोस्ट में कहा – ‘बरस भर कुछ नहीं किया। जनता के पैसे पर रईसी की। विधायकों की ख़रीद फरोख्त की। संसद से सड़क तक मनभर बात बनाईं। अब तो लॉकडाउन लगाकर मुफ़्त राशन देने की ताक़त भी नहीं रही।’ सोशल मीडिया पर प्रसून बाजपेयी के इस पोस्ट को देख कर लोगों के रिएक्शन भी सामने आने लगे।
एक यूजर ने लिखा- जब मोदी सरकार द्वारा पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया, तब अस्पतालों, पीपीई किट, वेंटीलेटर का इंतजाम कराया गया। गरीबों को राशन, गैस, पैसा उपलब्ध कराया गया। तब दिल्ली, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों ने विरोध किया कि हमें कुछ करने नहीं दिया जा रहा। अब क्यों मोदी-मोदी चिल्ला रहे हैं?
19 मिनट ! क्या समझे….?
— punya prasun bajpai (@ppbajpai) April 20, 2021
एक यूजर ने कहा- जो सरकार लोगों को जरूरतों को, लोगों की समस्याओं को, लोगों के दुख को परेशानियों को नजरअंदाज करके सिर्फ इलेक्शन पर ही केंद्रित रहे वो सत्ता में है किस लिए?
बरस भर कुछ नहीं किया….
जनता के पैसे पर रईसी की..
विधायकों की ख़रीद फरेख्त की…
संसद से सड़क तक मनभर बात बनायी…अब तो लॉकडाउन लगाकर मुफ़्त राशन देने की ताक़त भी नहीं रहीं…https://t.co/YjGhf7Ffy0 via @YouTube
— punya prasun bajpai (@ppbajpai) April 20, 2021
एक यूजर ने सवाल करना शुरू कर दिया- कोरोना तो पूरे साल भर से चल रहा है। क्या सरकार ने कोरोना के नाम पर राज्य सरकारों के लिए कोई बजट तैयार किया? राज्य सरकारों पर जिम्मेदारी डालकर क्या सरकार की जिम्मेदारी खत्म हो गई?
मनीष सिंह नाम के एक यूजर ने कहा- चलो तुमने ये तो माना कि पिछली बार #लॉकडाउन में सरकार ने #मुफ़्त राशन बांटा था। जिसके लिए आप झूठी छाती पिट रहे थे।
बता दें, अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि आज जैसी स्थिति है हमें ऐसे हालातों में पूर्ण लॉकडाउन से बचना है। राज्यों से अनुरोध करते हुए उन्होंने कहा कि- वो लॉकडाउन को अंतिम विकल्प के रूप में ही इस्तेमाल करें। लॉकडाउन से बचने की भरपूर कोशिश करनी है और माइक्रो कन्टेनमेंट जोन पर ही ध्यान केंद्रित करना है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था और लोगों की सेहत का साथ में ध्यान रखा जाएगा।
