बिहार की लोकगायिका शारदा सिन्हा (Sharda Sinha) का 5 नवंबर, 2024 को निधन हो गया था। वो लंबे समय से बीमार थीं और कैंसर से जूझ रही थीं। दिल्ली के एम्स में सिंगर को एडमिट कराया गया था। लेकिन, अंत में वो अपनी जिंदगी की जंग हार गईं। उनके निधन से परिवार और फैंस के साथ ही भोजपुरी इंडस्ट्री तक शोक में थी। सभी को गहरा झटका लगा है। ऐसे में अब निधन के 7 दिन बाद पीएम नरेंद्र मोदी को ओर से एक पत्र लिखा गया है, जिसमें उन्होंने शारदा सिन्हा के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमान को पत्र लिखा है।

शारदा सिन्हा के एक्स यानी कि ट्विटर अकाउंट से पीएम मोदी का लिखा लेटर शेयर किया गया है। इस लेटर में लिखा गया है, ‘आपकी माता श्रीमती शारदा सिन्हा जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ। इस मुश्किल समय में मेरी संवेदनाएं आपके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं। लोक परंपरा और जीवन के संस्कारों से जुड़े अपने गीतों से श्रीमती शारदा सिन्हा जी ने हमारी संस्कृति को समृद्ध किया। मैथिली और भोजपुरी में अपनी सहज और खनकती आवाज में गाए लोकगीतों से उन्होंने जन-जन से हृदय को छुआ। लोकगीतों के अलावा फिल्मों में भी उनकी आवाज के जादू ने अनगिनत संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध किया है। उन्हें पद्म पुरस्कारों सहित कई सम्मान मिले हैं। संगीत से जुड़े युवाओं को उनका अमूल्य मार्गदर्शन मिलता रहा।’

लेटर में पीएम ने आगे लिखा, ‘आस्था के महापर्व छठ से जुड़े उनके गीत तो मानो इस महापर्व को अभिन्न अंग बन गए हैं। भगवान भास्कर और छठी मैया को समर्पित उनके गीत आने वाली पीढ़ियों को भी अपनी परंपरा से जोड़ते रहेंगे। बिहार कोकिला की आधी सदी से भी लंबी संगीत की साधना कला जगत की एक अनमोल धरोहर है। उनका निधन संगीत जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। सहज और सरल स्वभाव की धनी श्रीमती शारदा सिन्हा जी के साथ हुई स्नेहपूर्ण भेंट मुझे आज भी स्मरण है। आज वह सशरीर इस संसार में नहीं हैं। पर उनके द्वारा दी गई शिक्षा, संस्कार और जीवन मूल्य परिजनों के साथ हमेशा बने रहेंगे। ईश्वर आपके परिवार व शुभचिंतकों को यह दुख सहन करने का धैर्य और साहस प्रदान करें। ऊं शांति।’

राजकीय सम्मान के साथ हुआ था शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार

आपको बता दें कि शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ हुआ था। उनका अंतिम संस्कार उनकी इच्छा के अनुसार वहीं हुआ था, जहां पर उनके पति का हुआ था। शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार पटना के गुलबी घाट पर किया गया, जहां दो महीने पहले उनके पति का भी अंतिम संस्कार किया गया था। इस दौरान ‘शारदा सिन्हा अमर रहें’ के नारे गूंज उठे थे। बिहार की लोक गायिका की अंतिम यात्रा में नेता अभिनेता तक शामिल हुए थे। उनके पार्थिव शरीर को मुक्ति रथ में रखकर श्मशान घाट पर ले जाया गया था। पूर्व बीजेपी सांसद रामकृपाल यादव ने भी उन्हें कंधा दिया था। पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे भी घाट पर मौजूद रहे थे।

शारदा सिन्हा आखिरी समय में भी अस्पताल में रहकर रियाज करती रही थीं। इसी बीच जब वो हॉस्पिटल में थीं तो उनका एक छठ गीत भी जारी किया गया था, जिसने खूब धमाल मचाया था। गाने को लोगों ने काफी पसंद किया था। इसे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।