बांग्लादेश की 50वीं सालगिरह पर बतौर मेहमान आमंत्रित भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ढाका के नेशनल परेड ग्राउंड में बोलते हुए कहा है कि वो भी बांग्लादेश को आजादी के संघर्ष में शामिल हुए थे और उन्होंने सत्याग्रह किया था। उन्होंने कहा कि उस वक्त वो 20-22 साल के थे। अपने भाषण के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश की आजादी के लिए वो जेल भी गए थे।
नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए भाषण के इस अंश पर कई लोगों ने आपत्ति जताई है जिनमें आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह, कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह भी शामिल हैं।
संजय सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘बांग्लादेश की आजादी में भारत सरकार तो बांग्लादेश के साथ थी। युद्ध तो पाकिस्तान के साथ हो रहा था फिर मोदीजी को जेल किसने भेजा? भारत ने या पाकिस्तान ने?’
बांग्लादेश की आज़ादी में भारत सरकार तो बांग्लादेश के साथ थी।
युद्ध तो पाकिस्तान से हो रहा था फिर मोदी जी को जेल भेजा किसने?
भारत ने या पाकिस्तान ने?— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) March 26, 2021
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने नरेंद्र मोदी के भाषण वाला वीडियो शेयर करते हुए अपने ट्विटर पर लिखा, ‘मानो या न मानो। उनके चाय बेचने का कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। उनके पढ़ाई का भी कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। और अब ये! जाहिर सी बात है, इसका भी कोई रिकॉर्ड नहीं होगा! क्या ये जन्म से ही झूठे हैं? फेकू हैं? आप डिसाइड करिए।’
Believe it or Not.
There is no record of his selling Tea.
There is no record of his Educational qualifications.
Now this one!!
Obviously there would be no record of this one too!!
A Congenital Liar?
A “PHEKU?
You decide!! https://t.co/qjRmpmgDww— digvijaya singh (@digvijaya_28) March 27, 2021
और कई जाने माने लोग भी नरेंद्र मोदी के इस बात पर अपनी टिप्पणी कर रहे हैं। रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने ट्विटर पर व्यंगात्मक अंदाज में लिखा, ‘जब कृष्ण जी थक जाते थे, तब अर्जुन के रथ का संचार मोदी जी करते थे।’ सूर्य प्रताप सिंह ने एक और ट्वीट किया, ‘हड़प्पा की खुदाई में सबसे पहले छैनी और हथौड़ा लेकर मोदी जी पहुंचे थे।’
बॉलीवुड डायरेक्टर कमाल आर खान ने भी नरेंद्र मोदी के भाषण के अंश पर चुटकी ली है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ‘मुझे लगता है कि पीएम मोदी विश्व को यह बताना भूल गए कि उन्होंने महाभारत में पांडवों के विरुद्ध सत्याग्रह किया था।’
नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण के दौरान कहा था, ‘बांग्लादेश की आजादी के लिए संघर्ष में शामिल होना, मेरे जीवन के पहले आंदोलनों में से एक था। मेरी उम्र 20-22 साल रही होगी जब मैंने और मेरे साथियों ने बांग्लादेश की आजादी के लिए सत्याग्रह किया था। बांग्लादेश की आजादी के समर्थन में तब मैंने गिरफ्तारी भी दी थी और जेल जाने का अवसर भी आया था।’