मशूहर अभिनेता, गायक और गीतकार पीयूष मिश्रा किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। एक्टर ने हाल ही में अपनी जिंदगी को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। एक्टर ने अपनी आत्मकथा ‘तुम्हारी औकात क्या है पीयूष मिश्रा’ में बचपन में हुए एक दर्दनाक हादसे का जिक्र किया है।
एक्टर ने बताया है कि जब वो 7वीं कक्षा में थे तो एक महिला रिश्तेदार ने उनका यौन उत्पीड़न किया था। मिश्रा ने हाल ही में दिए इंटरव्यू में कहा कि उन्होंने राजकमल प्रकाशन द्वारा प्रकाशित अपनी किताब में सिर्फ नाम बदले हैं और सच्चाई को ज्यों का त्यों रखा है, क्योंकि उनका मकसद अब किसी से बदला लेने का नहीं है।
एक्टर ने सुनाई आपबीती
पीयूष मिश्रा ने हाल ही में न्यूज एजेंसी पीटीआई से भी बात की है। वह कहते हैं कि ‘करीब 50 साल पुरानी बात है। मैं कक्षा 7वीं में पढ़ता था। गर्मियों का दिन था। मैंने किताब में सिर्फ सच लिखा है, लेकिन लोगों के नाम बदले हैं, क्योंकि मैं किसी से बदला नहीं लेना चाहता। मैं उस घटना ने मुझे झकझोर कर रख दिया था।। जो भी हुआ मैं उससे शौक हो गया था। शारीरिक संबंध एक ऐसी चीज है,जिससे आपकी पहली मुलाकात हमेशा अच्छी होनी चाहिए। वरना ये जिंदगी भर के लिए आपको डरा देता है। आपको जीवन भर के लिए परेशान कर देता है। उस सेक्सुअल असॉल्ट ने मुझे जीवनभर के लिए उल्छाकर रख दिया। इससे बाहर आने के लिए मुझे एक लंबा वक्त और कई साथी लगे। इस हादसे से बाहर आने में मेरे अंदर की कला ने बहुत मदद की।’
मैं किसी को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहता
एक्टर ने आगे कहा कि ‘यह किताब ग्वालियर की तंग गलियों से लेकर दिल्ली के सांस्कृतिक केंद्र मंडी हाउस और आखिर में मुंबई तक की उनकी यात्रा की कहानी बताती है। मैं कुछ लोगों की पहचान छिपाना चाहता था। उनमें से कुछ महिलाएं हैं और कुछ पुरुष जो अब फिल्म इंडस्ट्री में बड़ा नाम बन गए हैं। मैं किसी से बदला नहीं लेना चाहता था, न ही किसी को चोट पहुंचाना चाहता हूं।’
ग्वालियर के एक मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले पीयूष मिश्रा ने पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और 20 साल की उम्र में एनएसडी में शामिल होने का फैसला किया। पीयूष ने विशाल भारद्वाज की फिल्म मकबूल, अनुराग कश्यप की गुलाल और साल 2012 में गैंग्स ऑफ वासेपुर जैसी फिल्मों में शानदार अभिनय से अपनी पहचान बनाई।