अभिनेता-लेखक-संगीतकार पीयूष मिश्रा अपने बेबाक अंदाज के लिए जाने जाते हैं। उनका कहना है कि वह इंडस्ट्री के अपने को-एक्टर्स की बिना सोचे-समझे आलोचना करने में विश्वास नहीं करते हैं क्योंकि उन्होंने ऐसे लोगों को देखा है जो ऐसा करते हैं और कड़वे होते जाते हैं। ऐसे लोग अपने बुढ़ापे में फिर परेशान रहते हैं।

पीयूष मिश्रा साल 2003 में विशाल भारद्वाज की फिल्म ‘मकबूल’ के बाद से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में एक्टिव रहे हैं और उन्होंने अपने दोस्त फिल्ममेकर अनुराग कश्यप के साथ काफी काम किया है। दोनों ने ‘ब्लैक फ्राइडे’, ‘गुलाल’ और ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ सीरीज के दोनों पार्ट में काम किया है। हाल ही में इंडियन एक्सप्रेस की स्क्रीन मैगजीन को दिए इंटरव्यू में पीयूष ने अनुराग कश्यप के बारे में बात करते हुए कहा, “अनुराग कश्यप को सिनेमा की बहुत अच्छी समझ है। लोग सोचते हैं कि जब हम अपना संगीत बनाने से पहले हम बहुत बहस करते हैं, वास्तव में यह सच नहीं है। हम बहुत कम बहस करते हैं। हमने एक-दूसरे को सरप्राइज करना बंद कर दिया है। जब मैं उसे एक गाना देता हूं, तो वह जानता है कि यह अच्छा है, और वह आगे बढ़ जाता है। यदि वह एक अच्छी फिल्म बनाता है, तो मैं कहूंगा, आपने एक अच्छी फिल्म बनाई है। अब, वह खराब फिल्में भी बनाते हैं लेकिन फिर मैं इस पर आवाज नहीं उठाता।”

जब उनसे पूछा गया कि वह अब अपनी राय क्यों नहीं देते हैं, तो पीयूष ने कहा कि वह बिना वजह किसी की आलोचना नहीं करना चाहते। उनका कहना है कि अब वो ऐसे जीवन जीत हैं कि शाम 6 बजे के बाद वो किसी से बात नहीं करते। “6 बजे के बाद मैं अपनी सोशल लाइफ छोड़ देता हूं और प्रार्थना में डूब जाता हूं। कश्यप पैशन के साथ अपनी फिल्म बनाते हैं लेकिन लेकिन कुछ चीजें नहीं हो पाती और यह पूरी तरह से ठीक है। मैं बैठकर लोगों की आलोचना करने में विश्वास नहीं करता कि यह अभिनेता बुरा है, वह अच्छा है।”

बुराई करने वाले का बुढ़ापा खराब- पीयूष

पीयूष मिश्रा ने कहा कि जो भी को-स्टार्स की बुराई करते हैं उनका बुढ़ापा खराब है। “जिसने भी ऐसा किया है, उनका बुढ़ापा बहुत खराब हो गया है। वे कड़वे हो जाते हैं और वे सभी आज पीड़ित हैं। इसके बाद कोई भी उनको पसंद नहीं करता, वे सभी अपने घरों में अकेले हैं और अब परिणाम भुगत रहे हैं। किसी पर गुस्सा क्यों निकालना?”

बता दें कि पीयूष मिश्रा ने शाहरुख खान और मनीषा कोइराला की फिल्म ‘दिल से’ से डेब्यू किया था। इस फिल्म के बारे में उन्होंने कहा कि उनका परफॉर्मेंस खराब था। उन्होंने कहा, “फिल्म ‘मकबूल’ के लिए मुझे ठीक पांच साल तक इंतजार करना पड़ा, जिसकी शूटिंग 2003 में शुरू हुई थी। मैं ‘दिल से’ के बाद मुंबई वापस नहीं आया, मैंने बस तैयारी जारी रखी, अपनी बोली सुधारी, खुद पर काम किया। ‘मकबूल’ में, मैंने जो किया उससे मैं खुश था।”