उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में ‘चल संयासी मंदिर में’ कहने वाले ओपी राजभर अपना चुनाव तो जीत गए लेकिन बीजेपी को यूपी की सत्ता से उखाड़ फेंकने का दावा सच साबित होता दिखाई नहीं दिया। अब ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि शायद हम अपनी बात लोगों को तक पहुंचाने में और लोगों को हमारी बात समझने में दिक्कत हुई इसलिए हम हार गए हैं।

सपा की हार पर क्या बोले ओपी राजभर?: ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि “हमें तो पहले ही चरण के बाद आभास हो गया था कि हम चुनाव हार रहे हैं लेकिन हम हार कैसे मान लेते।” इस पर ओपी राजभर से पूछा गया कि जब आपको चुनाव हारने का आभास हो गया था तो आप ‘चल सन्यासी मंदिर’ क्यों कहते रह गये? इस पर राजभर ने हंसते हुए कहा कि छह चरण के चुनाव बाकी थे इसलिए कह रहे थे।

लोगों की प्रतिक्रियाएं: ओपी राजभर के इस बयान पर अब लोग अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। अतीश कुमार नाम के यूजर ने लिखा कि “चूना लगा दिया अखिलेश को।” तारक नाथ शर्मा नाम के यूजर ने लिखा कि “ओमप्रकाश राजभर के अनुसार जनता ही सबसे बडी ना समझ है।” ठाकुर साहब नाम के यूजर ने लिखा कि “ये अमित शाह की चाल थी कि इन्हें (ओपी राजभर) सपा में भेजकर सपा को हराने के लिए।”

कमलेश कुमार नाम के यूजर ने लिखा कि “ओमप्रकाश राजभर के द्वारा प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री पर ज्यादा अभद्र टिप्पणी से जनता में गलत मैसेज गया, हार का मुख्य कारण यही रहा।” सुनील शर्मा नाम के यूजर ने लिखा कि “कटु सत्य तो ये है कि, “सपा” को जितवाने वाले सपा के सहारे “जीत” गए।” अशोक चौहान नाम के यूजर ने लिखा कि “आपके हारने का नहीं, पर एक बाइक पर 3 नहीं बैठ पाएंगे, इस बात का दुःख है।”

विमल साहू नाम के यूजर ने लिखा कि” इन्होंने कहा था अगर हांरा तो राजनीति छोड़ दूंगा, इनसे पूछिए कब छोड़ रहे राजनीति?” श्रवण सिंह राठौर नाम के यूजर ने लिखा कि “जनता के बीच में गाना गाया था, ‘चल सन्यासी मंदिर में’ योगी जी का परिवार कैसे सहन करता? आपके बड़ी-बड़ी बोलियों को?” विवेक पाण्डेय नाम के यूजर ने लिखा कि “ओम प्रकाश राजभर का बोलने का स्टाइल किसी कॉमेडियन के जैसा है।”

अवि सिंघम नाम के के यूजर ने लिखा कि “राजभर की बोलती बंद हो गई, अब ज्यादा बोले तो योगी इनका इलाज भी कर देंगे। तभी अब इसकी भाषा में डर है।” विष्णु विश्नोई नाम के यूजर ने लिखा कि “यह तो भारतीय रेल का चालान काटने की तैयारी कर रहे थे। स्वयं का चालान कट गया।”