न्यूज 18 इंडिया की लाइव डिबेट में अमिश देवगन के सामन बीजेपी नेता संबित पात्रा और कांग्रेस  प्रवक्ता आचार्य प्रमोद कृष्णम आमने सामने नजर आए। इस बीच आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ममता बनर्जी को ‘द्रौपदी’ कह दिया। आचार्य प्रमोद कृष्णम की इस बात पर संबित पात्रा ने आपत्ति जताई, साथ ही कहा- अमिश जी, पहले तो इस बात पर मैं आपत्ति दर्ज कराता हूं। एक सवाल मैं आदरणीय आचार्य जी से पूछूं, वो जवाब दें- इन्होंने कहा कि ममता बनर्जी द्रौपदी हैं! समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, कम्युनिस्ट और लेफ्ट ये सब पांडव हैं। क्या ये उचित तुलना है? क्या ममता बनर्जी को दौपदी कहना उचित है? पहले इसका उत्तर दिया जाए!

इस पर आचार्य प्रमोद कृष्णम सफाई देते हुए कहते हैं- डॉ संबित पात्रा जी मैंने ये नहीं कहा कि ममता बनर्जी द्रौपदी हैं, मैंने कहा-महाभारत में एक प्रसंग आता है कि जब द्रौपदी का चीरहरण हो रहा होता है तो सारा कौरव दल उनका चीर हरण करना चाहता था। तब उन्होंने पुकार लगाई। पहले भीष्म पितामह से, कृपाचार्या से, द्रोणाचार्या से और फिर भगवान कृष्ण से। जिस तरह आज बंगाल के अंदर ममता बनर्जी का चीर हरण करने का प्रयास किया जा रहा है, सारी भाजपा कौरव दल की तरह उनपर हमला कर रही है।

संबित पात्रा आचार्य प्रमोद कृष्णम की बात सुनते हैं और थोड़ा रुक कर बोलते हैं- तो इसमें कहना बाकी क्या रह गया अमिश जी? मगर मैं डिबेट में किसी भी महिला को इस प्रकार से ‘उस महिला का चीरहरण हो रहा है’ उदाहरण देना उचित नहीं मानता।

इसके बाद संबित पात्रा ने आचार्या से कहा- ‘अगर ममताजी बुला रहीं है और आपको लगता है उनका चीरहरण हो रहा है तो भगवान कृष्ण बनकर कल राहुल जी को उतर जाना चाहिए।’ संबित बोले- लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव हो रहा है। चुनाव में हार और जीत हो सकती है। उसको लेकर हम यहां बहस भी कर सकते हैं। लेकिन किसी महिला के लिए ये कह देना कि ये महिला द्रौपदी है उसका चीरहरण कौरव कर रहे हैं, और पांचों पांडवों को महिला पुकार रही है।’

संबित आगे बोले- ‘द्रौपदी का मैं सम्मान करता हूं, ममता बनर्जी के लिए ये नहीं कहा जाना चाहिए। मुझे लगता है कांग्रेस के प्रवक्ता सही शब्दों का प्रयोग नहीं कर रह हैं। दूसरी बात है, ठीक है अगर ममता बनर्जी बोला रही हैं, आपको लगता है कि उनका चीर हरण हो रहा है तो ठीक है अवश्य जाइए।’

उन्होंने आगे कहा- ‘मैं तो कहता हूं भगवान कृष्ण बन कर कल राहुल जी को उतर जाना चाहिए। क्या वो पुशअप और क्या क्या कराते रहते हैं केरल में। उन्हें कहिए ये सब करने से कुछ नहीं होता है। जाएं बंगाल मेैं और दीदी को बचाएं। किसने रोका है उन्हें बंगाल जाने से? जा तो रहे हैं नहीं, हम कृष्ण है, हम पांडव हैं। ये सब बोलने से क्या होगा। 3 में न 13 में इतनी बड़ी बड़ी बातें करते हैं।’