संसद के मॉनसून सत्र में ऑपरेशन सिंदूर पर हुई चर्चा के बीच विपक्ष ने सवाल उठाया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के कितने विमान गिरे हैं। जिसके जवाब में देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज भी लोग पूछते हैं हमारे कितने विमान गिरे? हमें इस बात का ध्यान नहीं रखना चाहिए कि एग्जाम के दौरान उसकी पेंसिल टूट गई थी या उसकी पेन खो गई। आखिरकार रिजल्ट मैटर करता है।
अब नेहा सिंह राठौर ने उनके इस बयान को लेकर ट्विटर पर सवाल कर लिया है। उन्होंने राजनाथ सिंह का ये बयान शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “मतलब आप मान रहे हैं कि पेंसिलें टूटी हैं और पेन गुम हुए हैं? वैसे आपके मुताबिक रिजल्ट क्या रहा है?” इसका जवाब यूजर्स ने उन्हें दिया है। कमाल मेहता नाम के यूजर ने लिखा, “जंग में सबसे ताकतवर अमरीकी और रूस की सेनाओं की भी कई पेंसिले टूटी है और पेन गुम हुए है ! मगर उन्होंने अपने दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए ! सही कहा जंग में पेंसिले टूटती है और पेन गुम होते है।” मनन कृष्ण ने लिखा, “आप अखिलेश जी के लिए पेड़ गिनें, जनता आम से खुश है।रिजल्ट सभी को पता है। अगर अच्छा न होता तो आप इतनी दुखी क्यों होती।”
हमेशा की तरह कुछ लोग नेहा को ट्रोल कर रहे हैं, वहीं कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें उनका सवाल ठीक लग रहा है। बता दें कि नेहा सिंह राठौर ने ऑपरेशन सिंदूर और फिर पाकिस्तान और भारत के बीच सीजफायर पर सरकार पर जमकर कटाक्ष किए थे। इतना ही नहीं उन्होंने पीएम मोदी को कायर तक कह दिया था। उन्होंने अपना एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें वो पीएम के लिए कह रही थीं, “मच्छरों को मारने के लिए ऑलआउट या कछुआ छाप जलाया जाता है; पूरे घर में आग नहीं लगाई जाती है…जो काम सूई से हो सकता है, उसमें तलवार लेना नासमझी है। मेरा स्टैंड SAY NO TO WAR का है और देश को अभी भी आतंकवादियों के सिर चाहिए। सच ये है कि इन दोनों बातों में कोई भी विरोधाभास नहीं है। ध्यान से समझिए… हर हमले के जवाब में युद्ध नहीं किए जाते। फॉरेन डिप्लोमेसी नाम की भी कोई चीज होती है। वैश्विक घेराबंदी भी होती है। युद्ध तो अंतिम विकल्प होता है। युद्ध का मतलब ही यही होता है कि आपकी कूटनीति फेल हो गई। मुंबई हमले के बाद सरकार ने आतंकवादियों को ढूंढ-ढूंढकर मारा था। सबूतों के साथ पाकिस्तान को नंगा किया गया था। उसके बाद पूरी दुनिया से अलग-थलग पड़ गया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री कभी बिना बुलाए पाकिस्तान बिरयानी खाने नहीं गए जैसे मोदी जी गए और ये काम उन्होंने तब किया जब मुंबई हमले में पाकिस्तान का नाम उजागर हो गया।” पूरी खबर को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
राजनाथ पर क्यों भड़कीं नेहा सिंह राठौर?
राजनाथ ने मानसून सत्र में कहा था, “मुझे लगता है उनका ये प्रश्न, हमारी राष्ट्रीय जनभावनाओं का सही से प्रतिनिधित्व नहीं कर पा रहा है। आपको प्रश्न पूछना है तो यह प्रश्न पूछिए कि जिन आतंकियों ने हमारी बहनों, हमारी बेटियों का सिन्दूर मिटाया, क्या हमारी सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर में उन आतंकियों के आकाओं को मिटाया, तो इसका उत्तर है हां, लक्ष्य जब बड़े हों, तो अपेक्षाकृत छोटे मुद्दों पर हमारा ध्यान नहीं जाना चाहिए क्योंकि छोटे मुद्दों पर ही ध्यान देते रहने से देश की सुरक्षा और सैनिकों के सम्मान और उत्साह जैसे बड़े मुद्दों से ध्यान हट सकता है, जैसा कि विपक्ष के हमारे कुछ साथियों के साथ हो रहा है?
उन्होंने आगे कहा था, “किसी भी परीक्षा के परिणाम में रिजल्ट मैटर करता है. यदि किसी परीक्षा में कोई बच्चा अच्छे मार्क्स लेकर आ रहा है, तो हमारे लिए उसके मार्क्स मैटर करने चाहिए। हमें इस बात का ध्यान नहीं रखना चाहिए कि एग्जाम के दौरान उसकी पेंसिल टूट गई थी या उसकी पेन खो गई। आखिरकार रिजल्ट मैटर करता है और रिजल्ट यह है कि ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान हमारी सेनाओं ने जो लक्ष्य निर्धारित किया था, उन लक्ष्यों को हमने पूर्ण रूप से प्राप्त किया है।”