Madhuri Dixit: कहते हैं ना सिनेमा किसी जादू से कम नहीं! या फिर सब आंखों का धोखा है? अब सभी को जानकारी है कि बड़े पर्दे पर जो दिखता है, उसमें असली कुछ नहीं होता है। झूठी मार-धाड़, प्यार, गाने की लिप्सिंग आदि। लेकिन फिल्म के कुछ सीन ऐसे भी शूट कर दिए जाते हैं जब असल में हीरो या हिरोइन उस सीन में होता ही नहीं है। जी हां, कई बार फिल्मों की शूटिंग बिना एक्टर के भी पूरी हो जाती है। तो वहीं कई बार बिना इमोशन्स के आई लव यू भी ऐसे बोला जाता है कि पर्दे पर वह असल इमोशन के साथ दिखे।
ऐसा ही एक वीडियो सामने आया है जिसमें साफ देखा जा सकता है कि बड़ी बड़ी फिल्मों की शूटिंग आखिर होती कैसे है? कैसे एक सीन आपको हंसा और रुला देता है। जबकि उस सीन को करने में एक्टर को कितनी मेहनत करनी पड़ती है औऱ वो माहौल बनाना पड़ता है। माधुरी दीक्षित की फिल्म आरजू (Aarzoo) आई थी साल 1999 में, इस फिल्म में माधुरी के साथ अक्षय कुमार (Akshay Kumar) और सैफ अली खान (Saif Ali Khan) लीड रोल में थे। फिल्म के अंत में सैफ के कैरेक्टर को मार दिया जाता है।
सैफ के कैरेक्टर का नाम फिल्म में होता है-अमर। अमर फिल्म के क्लाइमेक्स में घायल हो जाता है और धीरे धीरे मौत की आघोश में समाने लगता है वहीं पूजा (माधुरी दीक्षित) अमर से कहती है कि वह उठे ‘रिलीज’। लेकिन अमर मर जाता है। टीवी या पर्दे पर इस सीन को देखने के बाद लोगों की आंखों में आंसू आ गए थे। लेकिन असल में इस सीन के क्लाइमेक्स को बिना ‘अमर’ यानी सैफ के बगैर शूट किया गया था। यानी माधुरी दीक्षित ने बिना लाश के मातम मनाया था। देखें ये सीन:-
इसके अलावा एक अन्य सीन में माधुरी दीक्षित को समझाया जाता है कि उन्हें फोन में हीरो को आई लव यू कहना है। माधुरी इस दौरान सवाल करती हैं कैसे? ऐसे में डायरेक्टर उन्हें समझाता है। इस बीच माधुरी कई बार एक्टिंग से स्विच ऑन ऑफ होती हैं। इसी को अदाकारी कहते हैं।