90 के दशक की बेहतरीन अदाकारा माधुरी दीक्षित (Madhuri Dixit) 58 साल की हो चुकी हैं। वो उम्र के इस पड़ाव में भी फिल्मों में एक्टिव हैं और स्क्रीन पर आज भी जब-जब आती हैं तो कमाल ही कर देती हैं। फैंस उनकी एक झलक पाने का बेसब्री से इंतजार करते हैं। 2022 में माधुरी थिएटर में रिलीज हुई फिल्म ‘मजा मां’ और नेटफ्लिक्स की फिल्म ‘द फेम गेम’ में नजर आई थीं। इसके साथ ही वो डांस रियलिटी शोज में भी बतौर जज दिखाई देती हैं। वो इंडस्ट्री की सफल अभिनेत्रियों में से एक हैं। लेकिन, उनकी लाइफ एक समय ऐसा भी रहा था जब उनको कहा गया कि वो हीरोइन मैटेरियल नहीं हैं। चलिए बताते हैं इस किस्से के बारे में।
दरअसल, माधुरी दीक्षित आज अपना 58वां जन्मदिन मना रही हैं। उनका जन्म 15 मई, 1967 को हुआ था। उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1984 में आई फिल्म ‘अबोध’ से की थी। उनके लिए शुरुआती सफर तय करना आसान नहीं था। ये बेहद ही मुश्किल रहा। उनकी कई फिल्में फ्लॉप होती चली गई थीं, जिसके बाद उन्हें साइड रोल ऑफर होने लगे थे। यहां तक लगातार फ्लॉप के बाद देखने वालों ने ये तक कह दिया था कि वो हीरोइन मैटेरियल नहीं हैं। हालांकि, माधुरी के अंदर हुनर था और लगन के साथ ही उन्होंने कड़ी मेहनत भी की, जिसके बाद उन्होंने इंडस्ट्री में खुद को टॉप पर जगह दिलाई। यही वजह है कि फिल्म ‘साजन’ में उन्हें संजय दत्त से ज्यादा और ‘हम आपके हैं कौन’ में सलमान खान से ज्यादा फीस दी गई।
माधुरी दीक्षित 90 के दशक की हाईएस्ट पेड एक्ट्रेस की लिस्ट में शुमार थीं। उनके नाम कई रिकॉर्ड्स दर्ज है। यहां तक कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी अभिनेत्री का नाम दर्ज है। गुजरे जमाने में माधुरी की पॉपुलैरिटी का आलम ऐसा था कि वो अपनी फिल्में देखने जाने के लिए बुर्का पहनकर जाती थीं।
माधुरी दीक्षित का शुरुआती सफर
माधुरी दीक्षित के लिए फिल्मों में करियर शुरू करना आसान नहीं था। जब वो 12वीं क्लास में थीं तो उन्होंने फिल्म ‘अबोध’ के लिए ऑडिशन देने का फैसला किया था। उनकी बड़ी बहन की दोस्त के पिता राज श्री प्रोडक्शन में काम करते थे तो वहां से अभिनेत्री को पता चला था कि मेकर्स को एक नई लड़की की तलाश है। ऐसे में 12वीं के एग्जाम के बाद उन्होंने गर्मी की छुट्टी में ऑडिशन देने पहुंच गई थीं। वहीं, जब उनके घरवालों को पता चला की मेकर्स उन्हें फिल्म में लेना चाहते हैं तो परिवार ने साफ इनकार कर दिया था। प्रोडक्शन टीम भी माधुरी का कास्ट करने को लेकर मन बना चुकी थी। बाद में समझाने-बुझाने के बाद सब राजी हो गए थे।
फिल्मों की वजह से छोड़ा कॉलेज
माधुरी दीक्षित की पहली फिल्म ‘अबोध’ भले ही फ्लॉप रही थी लेकिन, इससे उन्हें नोटिस किया गया था। यही वजह है कि एक्ट्रेस को लगातार फिल्में ऑफर होने लगी थी। ऐसे में कॉलेज में दाखिला लेने के 6 महीने बाद ही उनको पढ़ाई छोड़नी पड़ी। यहां से माधुरी ने फिल्मी करियर चुन लिया। इसके बाद 1985 में उन्हें फिल्म ‘आवारा बाप’ मिली। इसमें राजेश खन्ना और मीनाक्षी शेषाद्रि लीड रोल में थीं। इसमें माधुरी साइड रोल में थीं। इस फिल्म की शूटिंग जब कश्मीर में चल रही थी तो इस दौरान उनकी मुलाकात सुभाष घई से हुई थी। वो अपनी फिल्म ‘कर्मा’ के लिए नई लड़की की तलाश कर रहे थे। खासकर उसको जिसको डांस आता रहा हो। ऐसे में माधुरी इसमें पारंगत थीं। उन्होंने बिना समय गंवाए उन्हें सेट पर बुला लिया था।
सुभाष घई ने कहा था ‘ये आने वाले कल की स्टार है’
सुभाष घई की फिल्म में सरोज खान कोरियोग्राफर थीं। सरोज ने माधुरी को उनके डांस स्टेप्स दिखाने के लिए कहे थे और उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया था, जिसके बाद उन्हें गाने में कास्ट कर लिया गया था। एक्ट्रेस ने भी उस गाने को 2 टेक में पूरा कर लिया था। इससे हर कोई इंप्रेस था। माधुरी का शॉट देखकर इस दौरान सुभाष घई ने कहा था, ‘ये आने वाले कल की स्टार हैं।’
फ्लॉप फिल्मों के बाद भी सेंसेशन बनी थीं माधुरी
माधुरी दीक्षित की फिल्म ‘आवारा बाप’, जो कि 1985 में आई थी। ये बुरी तरह से फ्लॉप साबित हुई थी। ऐसे में एक्ट्रेस लगातार दो फिल्में फ्लॉप दे चुकी थीं। फिल्म फ्लॉप होने के बाद भी एक्ट्रेस को पहली बार 1986 की फिल्मफेयर मैगजीन के कवर पेज पर जगह दी गई थी, जिस पर ‘माधुरी दीक्षित-द न्यू सेंसेशन’ का नाम दिया गया था। बाद में एक्ट्रेस ने फिल्में स्वाति (1986), मानव हत्या (1986), हिफाजत (1987) और उत्तर दक्षिण (1987) में काम किया और ये भी फ्लॉप रही थीं। इसके बाद फिल्मी गलियारों में चर्चा हो गई थी कि ये हीरोइन मैटेरियल नहीं हैं। लेकिन माधुरी ने हार नहीं मानी और काम जारी रखा। इस बात की जानकारी उन्गोंने सिमी गरेवाल के इंटरव्यू में बताई थी।
‘तेजाब’ से रातोंरात बनी स्टार
माधुरी दीक्षित के करियर में वो समय भी आ गया जब उनकी किस्मत पलटी। साल 1988 में आई फिल्म ‘तेजाब’ उनके करियर का टर्निंग प्वॉइंट रही। इस फिल्म में एक्ट्रेस का एक गाना ‘एक दो तीन’ था, जो कि हिट रहा था। फिल्म ब्लॉकबस्टर रही साथ ही इस गाने में माधुरी ने ऐसे ठुमके दिखाए थे कि सभी को दीवाना बना दिया था। ये फिल्म उनकी पहली ब्लॉकबस्टर थी। यहीं से उनका करियर चल पड़ा। इस फिल्म की रिलीज के बाद आलम ऐसा था कि माधुरी दोस्तों की बात सुनकर भीड़ में बुर्का पहनकर ‘तेजाब’ देखने के लिए चंदन थिएटर में गई थीं। पॉपुलैरिटी के बाद माधुरी दीक्षित ‘राम लखन’, ‘किशन कन्हैया’, ‘दिल’, ‘थानेदार’, ‘साजन’, ‘बेटा’, ‘राजा’, ‘दिल तो पागल है’ जैसी सुपरहिट फिल्मों में नजर आईं और 90 के दशक में माधुरी हाईएस्ट पेड एक्ट्रेस बन गईं। इसके चलते उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है।
माधुरी दीक्षित से जुड़ा एक और किस्सा काफी पॉपुलर है। कारगिल युद्ध 1999 के दौरान पाकिस्तान वालों ने शवों के बदले माधुरी दीक्षित की मांग की थी, जिस पर भारतीय सेना का कमाल का जवाब रहा था। शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा ने फायरिंग करते हुए कहा था- ‘लव फ्रॉम माधुरी।’