फिल्ममेकर लीना मणिमेकलाई की डॉक्युमेंट्री फिल्म ‘काली’ का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें मां काली को सिगरेट पीते हुए दिखाया गया है। इतना ही नहीं, माँ काली के एक हाथ में LGBTQ समुदाय का ध्वज भी दिखाया है। इस फिल्म का पोस्टर और वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है।

पत्रकार शुभांकर मिश्रा ने लिखा कि “फिल्म निर्माता लीना मणिमेकलाई की आने वाली फ़िल्म में मां काली को LGBTQ समुदाय के ध्वजवाहक के रूप में सिगरेट पीते हुए दिखाया गया है। यह बेहद निंदनीय है और देश के करोड़ों लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है।” 

ऋचा अनिरुद्ध ने लिखा कि “अब बस सहिष्णुता, फ्रीडम ऑफ़ एक्सप्रेशन, क्रिएटिव फ्रीडम’ आदि आदि पर सभी के ज्ञान की प्रतीक्षा करें।” श्रीमोय तालुकदार ने लिखा कि “हिंदू देवी-देवताओं और आस्था का मज़ाक क्यों उड़ाया जाता है, उनका उपहास किया जाता है, उन्हें नीचा दिखाया जाता है? क्या हिंदुओं को उनकी सहनशीलता के लिए दंडित किया जाना चाहिए? क्या हिंदुओं को और अधिक कठोर रुख अपनाने के लिए मजबूर नहीं किया जा रहा है?”

साध्वी खोसला ने लिखा कि “यह जानबूझकर हिंदू भक्तों की भावनाओं को आहत कर रहा है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब यह नहीं है कि कोई भी क्रिएटिविटी की आड़ में सीमा पार कर सकता है और कुछ भी दिखा सकता है। इसे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी रिलीज करने की अनुमति कैसे दी जा सकती है? कृपया संज्ञान लें।”

तरुण विजय ने लिखा कि “कनाडा में हमारे उच्चायुक्त और दिल्ली में कनाडा के दूत क्या कर रहे हैं? हिंदुओं का मज़ाक उड़ाना और हमारे साथ अच्छे संबंधों की उम्मीद करना? हिंदुओं को हल्के में न लें। इसके खिलाफ अविलंब कार्रवाई करें।” हिमांशू ने लिखा कि “ये लड़की कनाडा में बैठकर करोड़ों हिंदुओं की आस्था का मज़ाक बना रही है। उम्मीद है विदेश मंत्रालय इसपर सख़्त एक्शन लेगा।”

बता दें कि कुछ समय लीना ने एक फेसबुक पोस्ट के जरिये तमिल फिल्म निर्देशक सूसी गणेशन पर Metoo का आरोप लगाने को लेकर सुर्ख़ियों में आई थीं। जिसमें बताया गया कि 2005 में अपनी कार में घर छोड़ने के बहाने गणेशन ने उन्हें घर में जाने मजबूर किया। तब लीना ने अपनी सुरक्षा के लिए चाकू निकाला, तब उन्हें जाने दिया गया था। हालाँकि गणेशन इस मामले को लेकर कोर्ट भी गए थे, लीना के पासपोर्ट को जब्त करने की मांग की थी।