लॉकडाउन (Lockdown) के चलते शूटिंग पर रोक लगा दी गई थी जिसका असर कई बड़े और छोटे कलाकारों के जीवन पर पड़ा है। हाल ही में सरकार ने नई गाइडलाइंस जारी करते हुए शूटिंग को फिर से शुरू करने की इजाजत दे दी है लेकिन नई गाइडलाइंस ने दिहाड़ी पर काम करने वाले जूनियर आर्टिस्ट्स के जख्मों पर नमक डालने का काम किया है क्योंकि नई गाइडलाइंस में जूनियर आर्टिस्ट को न लेने या कम करने के साफ निर्देश हैं।

तीन महीने से अधिक समय तक लॉकडाउन के चलते घर पर बैठने के कारण जूनियर आर्टिस्ट्स की हालत खस्ता हो चुकी है। आलम ये है कि कोई चाय बेचने पर मजबूर है, तो कचरा ढोकर अपना घर चला रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बॉलीवुड एक्टर आयुष्मान खुराना की ‘ड्रीम गर्ल’ में बतौर जूनियर आर्टिस्ट काम करने वाले एक्टर दिवाकर सोलंकी अपने परिवार का पेट पालने के लिए दिल्ली की सड़कों पर आम बेचने को मजबूर हो गए हैं। वहीं बॉलीवुड के दंबग यानी सलमान खान के साथ स्क्रीन शेयर कर चुके जूनियर आर्टिस्ट हसन मुंबई की सड़कों पर 200 रुपये दिहाड़ी पर बीएमसी की कचरे की गाड़ी चला रहे हैं।

हसन ने कहा, ‘मैंने दो महीने तक किसी तरह गुजारा किया, लेकिन घर तो चलाना ही है तो कुछ न कुछ करना ही पड़ेगा। इसलिए मैं बीएमसी में कॉन्ट्रैक्ट पर कचरे की गाड़ी चला रहा हूं। इसमें रोज के 200 रुपये मिलते हैं। मेरे कई दोस्त ऐसे ही जिंदगी काट रहे हैं। कोई गार्ड का काम कर रहा है, तो कोई हॉस्पिटल में हाउसकीपिंग का काम कर रहा है। हमारे जूनियर आर्टिस्ट भाई ही एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं।’

‘कमांडो 3’ में नजर आ चुके जूनियर आर्टिस्ट महादेव सत्यदेव तेवरे के बेटे निखिल महादेव तेवरे इस लॉकडाउन में घर चलाने के लिए मरोल मित्तल इंडस्ट्रीज के पास चाय की टपरी लगा रहे हैं। निखिल कहते हैं, ‘ मैं रोज की पचास-साठ चाय बेच लेता हूं। मैं क्या करूं? मेरे पापा और मैं दोनों जूनियर आर्टिस्ट हैं, हमें कहा गया था कि सलमान खान, यशराज वगैरह से पैसे आएंगे, लेकिन अब तक कोई पैसा नहीं आया। जब भी हम पैसे को लेकर सवाल पूछते हैं तो फिर हमेशा यही जवाब मिलता है कि प्रॉसेस चल रहा है। ऐसे में, घर चलाने के लिए कुछ तो करना पड़ेगा, इसलिए चाय की टपरी डाली है।’