गीतकार जावेद अख्तर प्रधानमंत्री नरेंद्र के संबोधन पर तंज कस ट्रोल्स के निशाने पर आ गए। दरअसल, एक दिन पहले ही पीएम ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था। साथ ही लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा करते हुए कहा था कि लॉकडाउन-4 बिल्कुल नए रंग-रूप वाला होगा। पीएम मोदी के इस संबोधन पर प्रतिक्रिया देते हुए जावेद अख्तर ने कहा कि 33 मिनट के भाषण में लाखों मजदूरों की तकलीफ पर एक शब्द भी नहीं बोला। ये अच्छी बात नहीं है। इस बयान के बाद वे ट्विटर पर ट्रोल होने लगे।

जावेद अख्तर ने ट्वीट किया, ’20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान निश्चित तौर पर देश का मनोबल बढ़ाने वाला है। लेकिन 33 मिनट के भाषण में लाखों प्रवासी मजदूरों की तकलीफ पर एक शब्द भी नहीं, जिन्हें जिंदा रहने के लिए तत्काल मदद की जरूरत है….ये अच्छी बात नहीं है’। जावेद अख्तर के इस ट्वीट पर पूर्व जज मार्कंडेय काटजू ने भी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, ‘राजीव गांधी कहते थे कि सरकारी योजनाओं के एक रुपये का 10 पैसा ही जरूरतमंद लोगों तक पहुंचता है। यानी सिर्फ 2 लाख करोड़ रुपये ही जरूरतमंदों तक पहुंच पाएगा…’।

इस ट्वीट के बाद ट्रोल्स जावेद अख्तर के पीछे पड़ गए। एक यूजर ने लिखा, ‘चाचा वो अपने हिसाब से बोलते हैं, तुम्हारे हिसाब से नहीं। वो टाइम 2014 में ही चला गया, जब पीएम तुम्हारे हिसाब से बोलते थे। सच को स्वीकार करो और आगे बढ़ो…’। अजीत पांडे नाम के एक यूजर ने तंज कसते हुए लिखा, ‘जिसका योगदान देश में और गरीब जनता में जीरो है, वे कुछ ज्यादा ही ज्ञान देते हैं ट्विटर पर। पाकिस्तान की जितनी जीडीपी नहीं है, उतना भारत में आर्थिक मदद दिया जा रहा है…’। एक अन्य यूजर ने लिखा, ‘ये शादी में आए हुए वो फूफा हैं, जिनके लिए कितना भी कर लो, लेकिन नाराज ही रहते हैं…’।

 

मनोज अग्रवाल नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘जावेद साहब, कौन सी बात कब- कहां करनी है, ये मोदीजी आपसे ज्यादा अच्छे से जानते हैं। प्रवासी श्रमिकों के लिए जो भी करना है वो सभी राज्यों के CM के साथ मीटिंग में बात हो चुकी है और उसके हिसाब से सभी राज्य सरकारें काम कर रही हैं। जो पैकेज एलान किया है, वो गरीब मजदूरों की मदद करने वाला ही है…’। कुछ यूजर जावेद अख्तर का समर्थन भी करते नजर आए। एक यूजर ने लिखा, ‘कहीं ये पैकेज भी 15 लाख की तरह जुमला ही साबित न हो…’।