दिग्गज गीतकार और लेखक जावेद अख्तर इन दिनों लगातार चर्चा में बने हुए हैं। जहां गीतकार ने हाल ही में संदीप रेड्डी वांगा के निर्देशन में बनी  ‘एनिमल’ और ‘कबीर सिंह’ जैसी फिल्मों पर तंज कसा था और इन फिल्मों के सक्सेस को खतरनाक बताया था।

इतना ही नहीं गीतकार ने  ‘चोली के पीछे क्या है’ गाने पर भी नाराजगी जाहिर की थी। इसके अलावा वह मणिरत्नम को वह हिंदी सिनेमा को उसकी औकात दिखाने वाला बता ही चुके हैं।

वहीं, अब उन्होंने नई पीढ़ी के एक्टर्स के बारे में भी काफी कुछ कहा है। उन्होंने कहा है कि आज के एक्टर्स हिंदी में डायलॉग नहीं पढ़ सकते और उन्हें रोमन में स्क्रिप्ट चाहिए होती है। क्योंकि वह इसके अलावा कुछ और नहीं पढ़ सकते। आइए आपको बताते हैं आखिर गीतकार ने क्या कुछ कहा। 

जावेद अख्तर ने क्या कहा

जावेद अख्तर ने सीडी देशमुख ऑडिटोरियम में आयोजित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में ‘हिंदी और उर्दू: सियामीज़ ट्विन्स’ सेशन में कहा कि “फिल्म इंडस्ट्री में आज हम ज्यादातर नए कलाकारों के लिए रोमन (अंग्रेजी स्क्रिप्ट) में डायलॉग्स लिखते हैं। वे कुछ और नहीं पढ़ सकते हैं। हालत बड़ी दयनीय है। किसी भी भाषा का किसी धर्म से लेना-देना नहीं होता है। अधिकारियों को यह स्वीकार किए 200 साल हो गए हैं कि हिंदी और उर्दू अलग-अलग हैं। लेकिन वे हमेशा एक थे। तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान के बंगालियों ने कहा, ‘हम मर जाएंगे लेकिन उर्दू नहीं पढ़ेंगे, हमें एक और देश (बांग्लादेश) चाहिए )। ये 10 करोड़ लोग कौन थे, क्या ये उर्दू बोलते थे? जावेद अख्तर ने आगे कहा कि क्या मध्य पूर्व के अरब लोग उर्दू बोलते हैं? उर्दू केवल भारतीय उपमहाद्वीप की भाषा है। इसका धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। आप जाकर तमिलनाडु के लोगों को बताएं कि हिंदी हिंदुओं की भाषा है, फिर देखें क्या होता है।”

अमिताभ बच्चन के सवाल पर क्या बोले जावेद अख्तर

गीतकार ने आगे कहा कि “एक बार अमिताभ ने मुझसे पूछा कि आप फिराक के इतने पड़े प्रशंसक क्यों हैं? मैंने उनसे कहा कि आप एक एक्टर है इसलिए मैं आपसे यह शेयर करूंगा। फारक और उनके पिता हरिवंश राय बच्चन इलाहाबाद कनेक्शन के कारण करीब थे। मैंने अमिताभ से कहा कि मैं आपको फिराक के शेरों के कई उदाहरण दे सकता हूं। जहां उन्हें अगर आप सही एक्सप्रेशन के साथ पढ़ेंगे तो आपको लगेगा कि ये एक्सप्रेशन फिल्म में मैंने नहीं दिए हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि जिस तरह उन्होंने शेरों को लिखा है कोई दूसरा उन्हें देखकर वैसा उस पल को कैद कर ही नहीं सकता।”