सोशल मीडिया पर बेहद एक्टिव रहने वाले फिल्म गीतकार जावेद अख्तर के बयान से बवाल मच गया है। जावेद अख्तर ने अफगानिस्तान पर कब्जा करने वाले तालिबान की तुलना आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ) और विश्व हिंदू परिषद से कर दी थी। इस बयान के विरोध में बीजेपी के कुछ कार्य़कर्ताओं ने जावेद अख्तर के पुतले फूंक कर उनका विरोध जताया है। वहीं शिवसेना ने भी उनके इस बयान पर ऐतराज जताया है। इसको लेकर अब जावेद अख्तर के घर के सामने विरोध प्रदर्शन भी हो रहा है।

जावेद अख्तर से मांग की जा रही है कि वे अपने बयान को वापस लें और हाथ जोड़कर माफी मांगे। बीजेपी प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अगर वह ऐसा नहीं करते तो जावेद अख्तर की कोई भी फिल्म की स्क्रीनिंग भारत में नहीं हो सकेगी। भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्‍ता और विधायक राम कदम ने जावेद अख्तर के बयान पर भड़कते हुए कहा है कि ‘जावेद अख्तर की किसी भी फिल्म को भारत में रिलीज नहीं होने दिया जाएगा। जब तक वह हाथ जोड़ कर माफी नहीं मांग लेते।’

बीजेपी नेता राम कदम ने अपने बयान में कहा, ‘आज के शिवसेना मुखपत्र ‘सामना’ में शिवसेना इस बात को स्‍वीकार कर रही है कि जावेद अख्‍तर का बयान बहुत गलत है। इस पर शिवसेना ने भी आपत्ति जताई है। जावेद अख्‍तर के विरोध में हम शिकायत दर्ज करा चुक हैं। शिवसेना को भी ऐसा करना चाहिए। 24 घंटे से ज्यादा का समय बीच चुका है, बावजूद इसके शिवसेना की ओर से कोई एक्शन नहीं लिया गया! शिवसेना को अब किस बात का इंतजार है? कब होगी जावेद अख्‍तर की गिरफ्तारी?’

जावेद अख्तर को लताड़ते हुए उन्होंने कहा कि- जावेद अख्तर का ये बयान बेहद शर्मनाक है। वहीं विश्व हिन्दू परिषद और आरएसएस पर अपना विश्वास रखने वाले करोड़ों समर्थकों को आहत किया गया है। उनका कहना है कि ‘जैसे तालिबान चाहता है कि वह इस्लामिक स्टेट कहलाए वैसे ही आरएसएस देश को हिंदू राष्ट्र के रूप में देखना चाहते हैं।’

इधर, बीजेपी नेता नितेश नारायण राणे भी जावेद अख्तर के बयान पर बिफरे और कहा- ‘जहां हिंदुओं की ज्यादा तादाद है ऐसे देश में जावेद अख्तर जैसे लोग हिंदू राष्ट्र को अपोज करते हैं। हम लोग उन्हें फेम देते हैं। उनके गाने पसंद करते हैं, इनकी फिल्में देखते हैं, उनके परिवारों को अपने देश में सेफ रखते हैं। क्या ऐसी ही बात ये पाकिस्तान में या तालिबान में कर सकते हैं? क्या हम सांपों को दूध पिला रहे हैं?’

बता दें, जावेद अख्तर के घर के सामने बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जब उनके पुतले फूंके तो इस बीच कई कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हल्की सी झड़प भी हुई। मामला तब गर्माया जब जावेद अख्तर ने अपने एक इंटरव्यू में तालिबान की तुलना आरएसएस से कर डाली थी। उन्होंने आरएसएस के लिए कहा था कि संगठन की सोच तालिबानियों जैसी है। तालिबान और आरएसएस में कोई फर्क नहीं है।