मशहूर लेखक जावेद अख्तर तालिबान पर दिये गए अपने एक बयान के कारण काफी चर्चा में आ गए हैं। दरअसल, उन्होंने एनडीटीवी को इंटरव्यू दिया था, जिसमें उन्होंने तालिबान के सिलसिले में बात करते हुए इसकी तुलना आरएसएस, वीएचपी व बजरंग दल के समर्थकों से की थी। उनके बयान का अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने विरोध किया, साथ ही जावेद अख्तर का पुतला जलाकर प्रदर्शन भी किया। वहीं हाल ही में जावेद अख्तर की बात पर यूपी के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह भी भड़के हुए नजर आए।
प्रकाश सिंह ने जावेद अख्तर पर नाराजगी जाहिर करते हुए लिखा, “जावेद अख्तर ने तालिबान से आरएसएस की तुलना की है। मुझे लगता है कि पागलपन की भी एक सीमा होती है।” प्रकाश सिंह के इस ट्वीट पर सोशल अन्य सोशल मीडिया यूजर ने भी जमकर कमेंट किये।
विमल नाम के यूजर ने प्रकाश सिंह के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा, “लेकिन एजेंडा को बढ़ावा देने वालों की कोई सीमा नहीं होती सर।” भानू प्रताप सिंह नाम के यूजर ने लिखा, “जावेद अख्तर ने एक बार फिर से अपने पागलपन का प्रमाण दिया है।” मंजोत सिंह नाम के यूजर ने लिखा, “वाकई में पागलपन और अतार्किकता की सीमा होती है।”
जावेद अख्तर के बयान पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से कहा गया कि आरएसएस पर अभद्र टिप्पणी बर्दाश्त नहीं करेंगे। भाजपा नेताओं ने मामले को लेकर जावेद अख्तर से माफी की भी मांग की, साथ ही कहा कि अगर उन्होंने हाथ जोड़कर माफी नहीं मांगी तो जावेद अख्तर की किसी भी फिल्म की स्क्रीनिंग भारत में नहीं हो पाएगी।
इस सिलसिले में भारतीय जनता पार्टी के विधायक व प्रवक्ता राम कदम ने एक वीडियो भी शेयर किया था, जिसमें उन्होंने कहा था, “बयान देने से पहले यह तो सोचते कि उसी संघ परिवार से जुड़े लोग आज इस देश की राजगद्दी को चला रहे हैं, राज धर्म का पालन कर रहे हैं। अगर तालिबानी विचारधारा होती तो क्या वे इस प्रकार की बयानबाजी कर पाते। इसी उत्तर में उनका बयान खोखला है और यह स्पष्ट भी होता है। जब तक वह हाथ जोड़कर माफी नहीं मांगे, हम मां भारती की भूमि पर उनकी फिल्म नहीं चलने देंगे।”