फिल्म- हाउसफुल 5 (A)
स्टारकास्ट- अक्षय कुमार, अभिषेक बच्चन, रितेश देशमुख, जैकलीन फर्नांडीस, सोनम बाजवा, नरगिस फकरी, संजय दत्त, जैकी श्रॉफ, नाना पाटेकर, चित्रांगदा सिंह, फरदीन खान, चंकी पांडे, जॉनी लीवर, श्रेयस तलपड़े, डीनो मोरिया, रंजीत, सौंदर्या शर्मा और अन्य।
राइटर और प्रोड्यूसर- साजिद नाडियाडवाला
निर्देशक- तरुण मनसुखानी
रेटिंग- 2/5
एक बेहतरीन या फिर अच्छी फिल्म के मानक क्या होने चाहिए? कैसे समझा जाए कि कोई फिल्म कितनी अच्छी है या फिर कितनी बुरी? देखिए एक फिल्म के अच्छे और बुरे होने के मानक कई होते हैं। अच्छी कहानी, अच्छी एक्टिंग, अच्छा स्टारकास्ट, अच्छा स्क्रीनप्ले और बेहतरीन डायलॉग्स के साथ ही वो दर्शकों को कितना एंटरटेन करती है। एक दर्शक तो इसी तरह से सोचेगा कि उसको मनोरंजन मिलना चाहिए बाकी अच्छा और बुरा क्या है नहीं पता? लेकिन, टेक्निकली देखा जाए तो फिल्में वह अच्छी कही जा सकती हैं, जिनका समाज पर कोई पॉजिटिव प्रभाव पड़े। अच्छे डायलॉग्स हों, अश्लीलता या डबल मीनिंग शब्दों का इस्तेमाल ना हो। आप उसे परिवार के साथ देख सकते हों। इस तरह के कई पैमाने हो सकते हैं, जिस पर एक फिल्म को क्रिटिसाइज किया जाता है। ऐसे में अब साजिद नाडियाडवाला ‘हाउसफुल 5’ लेकर आए हैं, जिसमें 19 बॉलीवुड के ऐसे कलाकार हैं, जो सभी के सभी धुरंधर हैं। दर्शकों के एंटरटेनमेंट के लिहाज से तो फिल्म अच्छी ही लगेगी। वो भी तब जब आप कोई दिमाग नहीं लगाएंगे तब। चलिए बताते हैं इसके बारे में…
चोर-पुलिस की कहानी के जैसे है ‘हाउसफुल 5’ की स्टोरी
अगर आप फिल्मों के दीवाने हैं अच्छी फिल्में देखी हैं तो शायद ही आपको इसकी कहानी समझ आने वाली है। इसकी स्टोरी 80 के दशक की चोर-पुलिस की कहानी के जैसे स्टोरी है। आपने ‘अली बाबा के चालीस चोर’ तो देखी ही होगी? ठीक उसी की तरह ही इसमें चार चोर हैं और एक पुलिस, जिसका पता लगाने में पूरी फिल्म खत्म हो जाती है। ‘हाउसफुल 5’ की कहानी एक क्रूज पार्टी से शुरू होती फिर क्रूज पर ही खत्म हो जाती है, जिसमें उनके बच्चे भी हो जाते हैं। इसकी कहानी एक जॉली पर ही अटक जाती है, जो कि पापा रंजीत की 69 मिलियन पाउंड का वारिश होता है। अब फिल्म में 3 जॉली होते हैं। इस गुत्थी को सुलझाना मेकर्स के लिए इतना कठिन हो जाता है कि 3-3 मर्डर भी हो जाते हैं। अब नया एंगल जुड़ जाता है कातिल कौन है? अब इसका पता देखो आपको लगाने के लिए और बिना सिर पैर की गुत्थी को सुलझाने के लिए सिनेमाघरों का रुख करना पड़ेगा।
एक्टिंग- 19 सितारे, एक से बढ़कर एक धुरंधर
फिल्म ‘हाउसफुल 5’ में स्टार्स की एक्टिंग के बारे में बात की जाए तो इसमें बॉलीवुड के 19 नामचीन सितारे हैं। साजिद नाडियाडवाला ने फिल्म को चलाने के लिए सही एक्टर्स का तो चुनाव किया लेकिन, अगर इसमें जैकलीन फर्नांडीस को छोड़ दिया जाए तो बाकी हीरोइनों की एक्टिंग और परफॉर्मेंस इंप्रेसिव नहीं लगती है। फिल्म में अक्षय कुमार पर ज्यादा फोकस किया गया है, जो हर फैसला लेते हैं। अभिषेक बच्चन और रितेश देशमुख उनके पीछे-पीछे रहते हैं। अक्षय, रितेश और अभिषेक की तिकड़ी फिल्म में कमाल की लगती है। तीनों ने ही जॉली का रोल प्ले किया है। इसमें अभिनेता अक्षय की परफॉर्मेंस डायलॉग डिलीवरी और कॉमेडी टाइमिंग कमाल की होती है।
फिल्म में रितेश, अभिषेक बच्चन, चंकी पांडे, संजय दत्त, जैकी श्रॉफ, श्रेयस तलपड़े, डीनो मोर्या, जॉनी लीवर, नाना पाटेकर भी हैं, जिन्होंने अपने किरदार और कॉमेडी से दर्शकों को हंसाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। एक्ट्रेसेस में सोनम बाजवा, नरगिस फाखरी, जैकलीन फर्नांडीस, चित्रांगदा सिंह और सौंदर्या शर्मा भी हैं। जैकलीन के अलावा इसमें बाकी किसी का रोल खास इंप्रेसिव नहीं लगता है। वह कैरेक्टर वाइज तो अच्छी लगती ही हैं साथ ही उनके पास करने के लिए भी बहुत कुछ होता है। सोनम बाजवा अगर पंजाबी में ही अपने डायलॉग्स बोलतीं और जो वह हैं वही दिखाती तो शायद उनका किरदार इंप्रेसिव हो सकता था। चित्रांगदा सिंह के पास भी करने के लिए कुछ खास नहीं होता है।
वहीं, सौंदर्या शर्मा को देखकर तो लगता है कि उनको फिल्म में क्यों ही लिया गया है? उन्हें फिल्म में जिस तरह से दिखाया गया है, उससे लगता है कि जैसे उनको अंग प्रदर्शन के लिए फिल्म में कास्ट किया गया था। वह झुकती हैं, बैठती हैं, उठती हैं तो सबकी नजर बस पर उन पर होती है। ये कहना गलत नहीं होगा कि उन्होंने अपने आपको खुद ही मजाक बना रही हैं, जिस तरह से उनको दिखाया गया है, उसके बिना भी फिल्म को बनाया जा सकता था।
फनी डायलॉग्स के नाम पर डबल मीनिंग शब्दों का इस्तेमाल
इसके साथ ही ‘हाउसफुल 5’ में लोगों को हंसाने के लिए बेतुके डायलॉग्स का इस्तेमाल किया गया। अगर आपने हाउसफुल के चारों सीक्वल को देखा है तो ये उन उम्मीदों पर खरा नहीं उतरती है। मेकर्स ने कॉमेडी के नाम पर डबल मीनिंग शब्दों का इस्तेमाल किया है। सही मायने में तो आज के समय में लोग कॉमेडी करना ही लगता है भूल गए हैं। हाल के लिए दिनों स्टैंडअप कॉमेडियन को लेकर बवाल हुए थे तो सभी ने उनका विरोध किया। ‘हाउसफुल 5’ देखने के लिए लोग फैमिली के साथ जा रहे हैं, जिसमें बच्चे भी हैं तो हम कॉमेडी के नाम पर उनको क्या दे रहे हैं? ये अपने आप में बड़ा सवाल है, जो इस फिल्म में दिखाए गए फनी डायलॉग हों या फिर फनी सीन्स। फनी सीन्स के नाम पर दिखाया जाता है कि कैसे सौंदर्या शर्मा पर अक्षय बंदूक तानते हैं तो वह हाथ उठाती हैं। कैमरा फोकस होता है एक्ट्रेस की ड्रेस पर, जो हाथ उठाने पर ऊपर की तरह उठती है। ये अश्लीलता की संज्ञा दी जाए या कॉमेडी।
कमाल का स्क्रीनप्ले और डायरेक्शन
‘हाउसफुल 5’ में कमियां हैं तो अच्छाइयां भी हैं। इसका स्क्रीनप्ले और डायरेक्शन कमाल का है। तरुण मनसुखानी ने फिल्म का कमाल का डायरेक्शन किया है, जिन्होंने फिल्म की हर कड़ी को अच्छी तरीके से दिखाया है। 19 बड़े स्टार्स को स्क्रीन पर दिखाना मामूली बात नहीं होती है लेकिन, उन्होंने शानदार तरीके से सभी कैरेक्टर्स को दिखाया। कहानी में दम नहीं था लेकिन, बेहतरीन स्क्रीनप्ले की वजह से ये आपको कुर्सी की पेटी से बांधे रखती है। सस्पेंस का भी खास ख्याल रखा गया है। फिल्म को लेकर दर्शकों में जो एक आगे की स्टोरी जानने के लिए क्यूरियोसिटी होनी चाहिए वो बरकरार रखती है।
इसके साथ ही ‘हाउसफुल 5’ का बैकग्राउंड स्कोर कुछ नया नहीं होता है लेकिन, अच्छा लगता है। इसमें जैकी और संजय दत्त के सीन में जो म्यूजिक बजता है वह कमाल का होता है। दोनों ‘खलनायक’ में नजर आए थे इसलिए उनकी जोड़ी को खास बनाने के लिए उनके सीन के साथ खलनायक का बैकग्राउंड म्यूजिक डाला गया है, जो री-क्रिएटेड है। ये आपको अच्छा लगेगा।
फिल्म देखनी चाहिए या नहीं
इसके अलावा अंत में अगर फिल्म ‘हाउसफुल 5’ को देखने और ना देखने की बात की जाए तो देखिए इसमें कोई शक नहीं कि फिल्म एंटरटेनिंग और पैसा वसूल है। इसे देखकर हंसते-हंसते पेट में दर्द हो जाएगा। कुछ सीन्स ऐसे हैं, जो आपको खूब गुदगुदाते हैं। अगर आप कॉमेडी के दीवाने हैं और ज्यादा दिमाग का ना इस्तेमाल करते हुए फिल्मों का मजा लेना चाहते हैं तो ये आपके लिए फुल एंटरटेनिंग हो सकती है। फिल्म में डबल मीनिंग शब्दों का इस्तेमाल किया गया है और कुछ सीन्स को भी इस तरह से दिखाया गया है कि उसे बच्चों को दिखाना उचित नहीं होगा तो बच्चे लेकर जाना है या नहीं ये फैसला तो आपका होगा। बाकी अगर आप इस वीकेंड पर प्लान कर रहे हैं तो देख सकते हैं। लेकिन, अगर अच्छी कहानी की तलाश है और अक्षय कुमार को कुछ ऐसे देखना चाहते हैं कुछ नया कर रहे हैं तो फिर आपको मायूसी ही हाथ लगेगी।