रंगों का त्योहार होली 13 और 14 मार्च को खेली जाएगी। 13 मार्च को जहां होलिका दहन है वहीं, 14 मार्च को रंग-गुलाल उड़ाया जाएगा। होली के मौके का हर किसी को बेसब्री से इंतजार रहता है। आम लोगों से लेकर सेलेब्स तक इसे बड़ी ही धूम धाम से मनाते हैं। बॉलीवुड से लेकर साउथ और यहां तक कि भोजपुरी स्टार्स भी इसे जमकर खेलते हैं। हर किसी की जिंदगी में होली से जुड़े किस्से कहानियां भी हैं, जिसे याद कर हर किसी की हंसी छूट जाती है। ऐसे में आपको भोजपुरी स्टार खेसारी लाल के होली से जुड़े किस्से के बारे में बता रहे हैं, जब उन्हें भाभियों से अपनी इज्जत बचाकर भागना पड़ा था। चलिए बताते हैं इस किस्से के बारे में…
दरअसल, भोजपुरी के ट्रेंडिंग स्टार खेसारी लाल यादव का होली से जुड़ा कुछ ऐसा रहा कि जब खेसारी छोटे थे तो उनका बचपन बेहद गरीबी में बीता था। वो मिट्टी के घर में रहते थे। अपनी गरीबी के दिनों को यादकर उनकी आंखों से आंसू आ जाते हैं। खेसारी बताते हैं कि चाचा के बच्चों को मिलाकर वो सात भाई थे, जिनकी परवरिश पिता ने चना बेचकर की। एक्टर के बताते हैं कि उस समय इतनी गरीबी थी कि सातों भाई एक ही पैंट पहनते थे। खेसारी बताते हैं कि जब पैंट बड़े भाई को छोटी हो जाती थी तो वो छोटे को मिलती थी। ऐसे करके भोजपुरी स्टार के पास बस एक ही पैंट थी और वो भी फटने की कगार पर थी।
पैंट फटने के बाद शर्म से लाल हो गए थे खेसारी
खेसारी लाल बताते हैं कि उन्होंने होली के मौके पर इसी पैंट को पहना था और वो पहले से भी थोड़ी कहीं ना कहीं से फटी थी, जो बची कुची थी उसे उनकी भाभी ने होली के मौके पर फाड़ दिया। एक्टर ने होली से जुड़े किस्से को शेयर करते हुए कहा था कि उनकी भाभी ने उन्हें होली पर घसीट दिया था और इसके बाद वो पैंट पूरी तरह से फट गई थी। भोजपुरी एक्टर बताते हैं कि बचपन में किसी की भी पैंट खुल जाती थी तो भाभियां पहले भी मजाक करती रही हैं। पैंट फटने के बाद तो खेसारी शर्म से लाल हो गए थे। फिर जैसे-तैसे वो वहां से जान बचाकर भागे थे तो उनकी इज्जत बच पाई।
होली को मिस करते हैं खेसारी लाल
खेसारी लाल आज होली को काफी याद करते हैं। वो कहते हैं कि पहले वाली होली अब नहीं रही। उनका मानना है कि पहले लोग त्योहार पर एक-दूसरे से मिला करते थे। अब तो लोगों के बीच दूरियां आ गई है। एक्टर कहते हैं कि आज लोगों के पास पैसे आ गए हैं। सब अपने-अपने घरों में त्योहार मना लेते हैं। खेसारी भले ही आज स्टार हैं लेकिन, वो गांव को काफी मिस करते हैं। मां का प्यार गांव की मिट्टी अपनेपन को काफी मिस करते हैं।