बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस हेमा मालिनी ने फिल्म ‘सपनों का सौदागर’ से हिंदी सिनेमा में कदम रखा था। इसके बाद एक्ट्रेस कई हिट फिल्मों में नजर आई थीं। हेमा मालिनी खुद को कृष्ण भक्त मानती हैं और करियर के दौरान भी उन्हें भगवान कृष्ण से जुड़ी एक फिल्म करने का मौका मिला था। वह फिल्म थी गुलजार की ‘मीरा।’ इस फिल्म में हेमा मालिनी ने मुख्य भूमिका अदा की थी। फिल्म का एक गाना मशहूर गायिका लता मंगेशकर की आवाज में भी रिकॉर्ड किया जाना था। लेकिन सिंगर ने इस प्रोजेक्ट का हिस्सा बनने से से साफ इंकार कर दिया था।

गाने को लेकर खुद हेमा मालिनी ने भी लता मंगेशकर को मनाने की कोशिश की थी, इसके बाद भी वह राजी नहीं हुई थीं। इस बारे में बात करते हुए हेमा मालिनी ने कहा था, “गुलजार साब की फिल्म में मीराबाई का किरदार अदा करना मेरे लिए सपने के सच होने जैसा था। मैं एक बहुत बड़ी कृष्ण भक्त हूं। लता जी को ही मैं अकसर अपनी आवाज बनाती थी।”

हेमा मालिनी ने लता मंगेशकर के बारे में बात करते हुए आगे बताया था, “लेकिन उन्होंने ‘मीरा’ में गाना गाने से साफ मना कर दिया था। इसके बाद मैंने खुद उन्हें कॉल किया और मनाने की कोशिश की। लेकिन उन्होंने अपने विचार बिल्कुल भी नहीं बदले थे।” लता मंगेशकर के बाद मीरा फिल्म का गाना ‘मेरे तो गिरिधर गोपाल’ वाणी जयराम ने गाया था, जिसके लिए उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड से भी नवाजा गया था।

फ्री प्रेस जर्नल के मुताबिक लता मंगेशकर ने अपने एक इंटरव्यू में हेमा मालिनी के लिए गाना न गाने की वजह जाहिर की। उन्होंने कहा था, “मैं अपने भाई हृदयनाथ मंगेशकर की एल्बम ‘चला वही देस’ के लिए पहले ही मीरा भजन गा चुकी थी। ऐसे में मैंने तय किया था कि अब मैं उन्हें दोबारा किसी और के लिए नहीं गाउंगी।”

हेमा मालिनी को लेकर यह भी कहा जाता था कि लता मंगेशकर द्वारा ‘मीरा’ में गाना गाने से मना करने के बाद खुद एक्ट्रेस भी फिल्म को छोड़ने के लिए फैसला कर लिया था। इससे इतर हेमा मालिनी और लता मंगेशकर के संबंध काफी अच्छे हैं। लता मंगेशकर ने हेमा मालिनी की नातिन के लिए कई तोहफे भी भेजे थे।