उपराष्ट्रपति चुनाव विपक्ष में विरोधाभास नजर आ रहा है। टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि टीएमसी उपराष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग से दूर रहेगी। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने उम्मीदवार घोषित करने से पहले टीएमसी से कोई सलाह नहीं की और बिना बताए मार्गरेट अलवा को उम्मीदवार बना दिया। अब जानकारी सामने आ रही है कि ममता टीएमसी महबूबा मुफ्ती को उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाना चाहती थी।

महबूबा मुफ्ती को उम्मीदवार बनाना चाहती थी TMC!

ममता बनर्जी की तरफ से मार्गरेट अलवा के समर्थन में वोट ना करने का फैसला लिया जा चुका है। इसी बीच एक आर्टिकल में दावा किया गया है कि ममता बनर्जी ने शरद पवार से महबूबा मुफ्ती को उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बनाने को लेकर चर्चा की थी। हालांकि इस पर बात बन नहीं पाई और अब मार्गरेट अलवा के नाम का ऐलान किया गया। इससे ममता बनर्जी नाराज बताई जा रही हैं। 

इस खबर के सामने आते ही फिल्ममेकर अशोक पंडित ने तंज कसते हुए लिखा है कि ‘अच्छा हुआ कि इन्होंने यासीन मलिक को उम्मीदवार बनाने के बारे में नहीं सोचा।’ सोशल मीडिया पर लोग इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। संजय नाम के यूजर ने लिखा कि ‘बिट्टा कराटे, यासीन मलिक से ज्यादा अच्छे उम्मीदवार हो सकते हैं।’ 

लोगों की प्रतिक्रियाएं

एक यूजर ने लिखा कि ‘बीजेपी, महबूबा मुफ्ती को सीएम बना सकते हैं लेकिन विपक्ष वाले उनका नाम भी नहीं ले सकते।’ प्रमोद नाम के यूजर ने लिखा कि ‘यह सबसे अच्छा निर्णय होता जो ममता बनर्जी सोच सकती थीं। अल्पसंख्यक का समर्थन न करने पर विपक्ष को शर्म आनी चाहिए।’ एक यूजर ने लिखा कि ‘ममता बनर्जी की यह सोच देश के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।’

प्रशांत नाम के यूजर ने लिखा कि ‘धन्यवाद भगवान, बाजवा और इमरान खान भारत के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हो सकते थे!’ विक्रांत बहादुर सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि ‘ममता एक चतुर नेता हैं। वह पश्चिम बंगाल के बाहर अपने पंख फैलाना चाहती है। जम्मू-कश्मीर उनकी राजनीतिक आकांक्षाओं पर खरा उतरता है और यह केवल क्षेत्रीय राजनीतिक दलों को खत्म करके ही किया जा सकता है।’

बता दें कि टीएमसी की तरफ से साफ कहा गया है कि एनडीए उम्मीदवार का समर्थन करने का कोई प्रश्न ही नहीं है। इससे पहले राष्ट्रपति चुनाव में ममता बनर्जी काफी एक्टिव नजर आई थीं। उम्मीदवार के नाम पर चर्चा के लिए खुद एक बैठक आयोजित की थी। इसके बाद यशवंत सिन्हा के नाम पर विपक्ष ने सहमति जताई थी और अब उपराष्ट्रपति चुनाव के चुनाव में ममता बनर्जी ने विपक्ष से दूरी बना ली है।