प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में कृषि कानूनों की वापसी का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि वह किसानों को समझा पाने में असफल रहे, ऐसे में उन्होंने कानून को वापस लेने का फैसला किया है और आगामी संसद सत्र में इसकी वापसी की प्रक्रिया की जाएगी। हालांकि इसी बीच मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल का बयान आया है कि कृषि कानूनों को फिर से लाया जाएगा। उन्होंने यह बात अपने इंटरव्यू में जाहिर की है। कमल पटेल अपने इस बयान को लेकर अब लोगों के निशाने पर भी आ गए हैं।

कृषि कानूनों पर बात करते हुए कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा, “कानून को अच्छी नीयत से लाया गया था। इससे परिवर्तन आता और किसान खुश होता। लेकिन हम किसानों को समझा पाने में नाकाम रहे, हम अब किसानों को प्रशिक्षित करेंगे, सिखाएंगे, समझाएंगे और जब सब सहमत होंगे तो फिर से इस कानून को लाया जाएगा।”

कृषि मंत्री कमल पटेल के इस वीडियो को लेकर अब लोग भी खूब कमेंट कर रहे हैं। राहुल प्रधान नाम के यूजर ने लिखा, “फिर बिल लाएंगे?? ऐसे वोट मिलेंगे कि ढूंडते रह जाएंगे।” एक यूजर ने वीडियो पर कमेंट करते हुए लिखा, “खुद प्रशिक्षित कब होंगे, असहिष्णुता का त्याग कब करेंगे, महिला आरक्षण विधेयक कब पारित होगा?”

नीरज शाह नाम के यूजर ने कृषि मंत्री कमल पटेल के वीडियो पर जवाब देते हुए लिखा, “बिहार का कृषि मंत्री, एमपी का मंत्री, यूपी का भाजपा नेता, सभी ऐसे बयान दे रहे हैं क्योंकि बड़ी संख्या में भक्तों को खलबली मच गई है। उनको बहलाने के लिए ऐसे बयान आ रहे हैं।” अमन सिंह ने लिखा, “किसानों का डर जायज है। भाजपा के मंत्री कह रहे हैं कि कानून फिर लाएंगे। मतलब साफ है कि मोदी जी ने सिर्फ चुनाव के कारण बिल वापसी का जुमला छोड़ा है।”

बता दें कि एक वीडियो पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने भी अपने वीडियो में शेयर किया, जिसमें भाजपा नेता अजीत प्रताप सिंह कहते नजर आए कि कृषि कानूनों को फिर से लाया जाएगा। उन्होंने कहा, “जिन्हें बहला-फुसलाकर आंदोलन में ले जाया गया था, उन्हें सांत्वना देने के लिए मोदी जी ने कानून वापस लिया। लेकिन बाद में समझा-बुझाकर कानून फिर से वापस लाया जाएगा।” वीडियो में मौजूद लोगों ने कहा कि चुनाव के बाद वापसी होगी और यह भाजपा का एजेंडा है।