पेगासस स्पाइवेयर से कथित जासूसी के मामले पर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। अब सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष और वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने बीजेपी सदस्यों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि चर्चा में बचने के लिए पिछले बैठक को जानबूझकर बाधित किया गया था। इसके अलावा थरूर ने कहा कि जिन तीन अधिकारियों को इस पर गवाही देनी थी उन्हें इस चर्चा से बचने के लिए कहा गया था और उन्होंने बिल्कुल आखिरी समय में बहाना बना दिया। ये संसदीय समिति के विशेषाधिकार पर सीधा हमला है।

उधर, इस मुद्दे पर पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर की भी प्रतिक्रिया आई है। अमिताभ ठाकुर ने ट्वीट कर लिखा, ‘मेरा वचन ही है शासन’ फिल्मों तक ही ठीक है। दुर्भाग्य है कि मौजूदा केंद्र सरकार भी इसी स्टाइल में काम कर रही है, जहां वे उतना ही दिखाते-बताते हैं जो वे दिखाना-बताना चाहते हैं। इससे ज्यादा किसी ने सवाल किया तो गए।’ एक अन्य ट्वीट में अमिताभ ठाकुर ने लिखा, ‘यदि आरोप झूठे हैं तो पेगासस की जांच में आनाकानी क्यों?’

अमिताभ ठाकुर के ट्वीट पर लोगों की भी अलग-अलग प्रतिक्रिया आई है। ट्विटर यूजर भरत लिखते हैं, ‘आप पुलिस महकमे में थे। अगर आरोपों में तथ्य है तो किसी ने अभी तक एफआईआर क्यों नहीं की? फोन की फॉरेंसिक जांच क्यों नहीं करवाई? सिर्फ मीडिया रिपोर्ट या आरोप के सहारे जांच की मांग करना कहां तक ठीक है?’ मुकेश चौधरी नाम के ट्विटर यूजर लिखते हैं, ‘जांच करवाने में क्या हर्ज है, अगर सरकार ने जासूसी नहीं करवाई है तो कम से कम पता तो चलेगा पूरा मामला क्या है।’

यूजर नितिन गुर्जर ने लिखा, ‘अगर सच में सबूत थे तो सुप्रीम कोर्ट में क्यों नहीं दिए?’ यूजर सुजीत कुमार लिखते हैं, ‘सरकार की आनाकानी बिल्कुल उसी प्रकार से है जैसे कृषि कानून किसानों के हित में है। किसानों को तो ये हित चाहिए ही नहीं, लेकिन सरकार जबरदस्ती दे रही है।’ थिंक टैंक नाम के यूजर लिखते हैं, ‘अगर आरोपों पर ही जांच करने लगे तो देश में जांच के अलावा कोई काम नहीं चलेगा। 2014 के बाद विपक्ष ने सिर्फ आरोप लगाए हैं और हर बार मुंह की खानी पड़ी है।’

शशि थरूर ने लिखा ओम बिरला को पत्र: सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने रविवार को कहा कि 28 जुलाई को बीजेपी सदस्यों के विरोध के बाद पेगासस जासूसी मामले पर कोई चर्चा नहीं हो पाई थी। उन्होंने कहा, उन्हें उम्मीद थी कि कमेटी इस मुद्दे पर आगे चर्चा करेगी। 28 जुलाई को हुई मीटिंग में ऐन मौके पर तीन मंत्रालयों के अधिकारियों ने आने से इनकार कर दिया था। थरूर ने इसको लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भी पत्र लिखा था।

इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए शशि थरूर ने कहा कि आईटी कमेटी पिछले दो साल से जनता के डाटा प्राइवेसी और सिक्योरिटी जैसे मुद्दों पर चर्चा कर रही है। साइबर सुरक्षा विषयों को पिछले अध्यक्ष और बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर ने भी एजेंडा में शामिल किया था। थरूर ने कहा, ‘इसलिए पेगासस का मुद्दा स्पष्ट रूप से आईटी समिति के दायरे में आता है और ये इसके एजेंडे में भी शामिल है। ऐसे में उम्मीद की जाती है कि आईटी समिति के सदस्य इन विषयों के उठने पर इसके बारे में ही सवाल पूछेंगे। इसमें कुछ भी छिपा हुआ नहीं है कि कैसे बीजेपी सदस्यों ने कमेटी की मीटिंग बाधित की थी।’