साल 2003 में दिनेश लाल यादव (Dinesh Lal Yadav)  के गाने के एक एल्बम आया था जिसका नाम था निरहुआ सटल (Nirahua Satal Rahe) रहे। इस गाने ने ना सिर्फ दिनेश लाल यादव को निरहुआ (Nirhua) नाम दिया बल्कि शोहरत और पैसा भी दिया। हालांकि इससे पहले जब दिनेश लाल यादव कलकत्ता से पढ़ाई पूरी कर अपने गांव लौटे थे तो कुछ करने की चाह में वह गायिकी में कूद पड़े। ये सब इसलिए हुआ क्योंकि दिनेश लाल यादव को संगीत धरोहर के रूप में मिली थी। घर में उनके बड़े भाई विजय लाल यादव बिरहा गायिकी में बड़े नाम थे। और प्यारे लाल यादव गीतकार के रूप में लोकप्रिय थे।

दिनेश लाल यादव ने भी भाइयों के आगे गाने की इच्छा जाहिर की और हरी झंडी मिलने के बाद अपना रूझान गायिकी की तरफ मोड़ लिया। बड़े भाईयों की पहुंच थी फिर भी निरहुआ को काफी संघर्ष करना पड़ा। एक इंटरव्यू में उन संघर्ष के दिनों को याद करते हुए निरहुआ ने कहा था, गायिकी के शुरुआत दिनों में बहुत संघर्ष करना पड़ा। वे आगे कहते हैं, संघर्ष इस हद तक था कि जब प्रोग्राम में गाने जाता और रातभर गाने के बाद सुबह पैसे ही नहीं मिलते थे।

निरहुआ बताते हैं कि जब पैसे नहीं मिलते थे तो मजबूरन पैदल ही घर आना पड़ता था। प्रोग्राम में तो अपने पैसे से पहुंच जाते थे लेकिन उधर से कार्यक्रम के पैसे मिलने की आस होती थी। लेकिन पैसे ही नहीं मिलते थे। लिहाजा सिर पर हारमोनियम और ढोलक लेकर घर पैदल आना पड़ता था। निरहुआ ने कहा कि उनके साथ ऐसा एक बार नहीं बल्कि कई बार हुआ।

गौरतलब है कि दिनेश लाल यादव ने अपना फिल्मी करियर साल 2008 में आई फिल्म निरहुआ रिक्शावाला से शुरू किया था। इस फिल्म के बाद उनको एक्टर की पहचान मिली। दिनेश लाल यादव का एक ही साल में 5 हिट फिल्मे देने का रिकॉर्ड है जिसमें पटना से पाकिस्ता, निरहुआ रिक्सावाला 2, जिगरवाला, राजाबाबू और गुलामी फिल्म शामिल है। इंडस्ट्री में उनकि लोकप्रियता को देखते हुए उन्हे साल 2012 में बिग बॉस सीज़न 6 में बतौर प्रतिभागी बुलाया गया था।