देशभर में कोरोना का कहर जारी है। सोमवार को 24 घंटे के दौरान 3.50 लाख से ज्यादा पॉजिटिव केसेज सामने आए। यह अपने आप में रिकॉर्ड है। तमाम शहरों में अस्पताल में भर्ती के लिए मारामारी, ऑक्सीजन और दवाओं की किल्लत भी देखने को मिल रही है। इसी बीच वरिष्ठ पत्रकार शेखर गुप्ता ने एक ट्वीट कर कहा कि उन्होंने आजादी के बाद भारत को ऐसे हाल में पहले कभी नहीं देखा।
शेखर गुप्ता ने लिखा, ‘मैं साठ के दशक में पैदा हुआ हूं और तमाम संकट देखे हैं। जिसमें तीन युद्ध, खाद्यान्न संकट आदि शामिल हैं। लेकिन ऐसी स्थिति कभी नहीं देखी। आजादी के बाद का यह सबसे बड़ा संकट है, लेकिन सरकार को इतना निष्क्रिय कभी नहीं देखा। कोई कंट्रोल रूम नहीं, कोई जिम्मेदार नहीं…।’
गुप्ता के इस ट्वीट का जवाब देते हुए बॉलीवुड एक्टर अनुपम खेर ने लिखा, ‘आदरणीय शेखर गुप्ता जी, ये कुछ ज़्यादा ही हो गया…आपके स्टैंडर्ड से भी। कोरोना एक विपदा है, पूरी दुनिया के लिए। हमने इस महामारी का सामना पहले कभी नहीं किया।सरकार की आलोचना ज़रूरी है। उनपर तोहमत लगाइए। पर इससे जूझना हम सबकी भी ज़िम्मेदारी है। वैसे घबराइए मत, आएगा तो मोदी ही। जय हो…।’
इस ट्वीट के बाद अनुपम खेर लोगों के निशाने पर आ गए और लोग उनको बुरी तरह ट्रोल करने लगे।
आदरणीय @ShekharGupta जी!! ये कुछ ज़्यादा ही हो गया।आपके स्टैंडर्ड से भी।करोना एक विपदा है।पूरी दुनिया के लिए।हमने इस महामारी का सामना पहले कभी नहीं किया।सरकार की आलोचना ज़रूरी है।उनपे तोहमत लगाइए।पर इससे जूझना हम सबकी भी ज़िम्मेदारी है।वैसे घबराइए मत।आएगा तो मोदी ही!! जय हो!a href=”https://t.co/YZPzY4sVJh”>https://t.co/YZPzY4sVJh
— Anupam Kher (@AnupamPKher) April 25, 2021
चमन गुप्ता नाम के यूजर ने कहा- कुछ तस्वीरें और घटनाएं, जीवन भर आपका पीछा करती हैं। आगरा की तस्वीर उन्हीं में से एक है। पति को अस्पताल में जगह नहीं मिली। सांसें टूट रही थी। महिला बदहवास थी। समझ नहीं आ रहा था क्या करे। वो पति को मुंह से सांस देने की कोशिश करती रही। नहीं बचा पायी। लेकिन आप मोदी लाओ बस! अभिषेक दत्त नाम के यूजर बोले- चाचा ओ चाचा।
एक ने कहा- यूं लगता है कि 2012 के बाद से बहुत विकसित हुआ है। वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमत औसतन $ 100 थी। मुंबई में पेट्रोल की कीमत 74 रुपए थी। सरकार पर पहले से ही भारी सब्सिडी का बोझ था। लेकिन तब आपने कभी नहीं सोचा था कि हम सभी एक साथ हैं और वैश्विक संकट से निपटना है, नहीं?
श्रेय नाम के यूजर बोले- अनुपम जी मैं आपका कभी फैन हुआ करता था। लेकिन अब आपका ये मैसेज देख कर मुझे खुद पर शर्म आ रही है। अगर आपके अंदर हिम्मत है तो जरा किसी अस्पताल के बार जाकर खड़े हो जाएं और कहें कि आएगा तो मोदी ही। लोग फिर बताएंगे आपको कि कब आएगा मोदी। एमएलए शकुंतला साहू बोलीं- एक घटिया इंसान, और एक घटिया सोच। बंद आंखों से देश को मत देखो, आंखे खोलो और देखो कि देश में लोग सड़कों पर मर रहे हैंl चुल्लू भर पानी नहीं मिल रहा है क्या..?
डॉ दीपा शर्मा नाम की यूजर ने कहा- बात तो सही कही आपने। आएगा तो मोदी ही। पर जब लोग मर रहें हैं, अपनों को खो रहे हैं, अंतिम संस्कार भी परिजन स्वयं नही कर पा रहे, PPE किट में बंद लाशें न जाने कितनी लाशों के साथ जल रही हैं,अस्थियां तक नहीं चुन सकते, दवाइयां नहीं मिल रहीं, अस्पताल में बेड नहीं। तब यह बात असंवेदनशील लगती है सर।
अनुपम नाम के शख्स ने लिखा- बात बस इतनी है कि शेखर ने “प्रोटोकॉल” तोड़ दिया, अनुपम ने नहीं तोड़ा। बाकी बदलता कुछ नहीं इससे। न लोगों का दर्द कम होगा। न सरकार का निकम्मापन। अनुमा आचार्य नाम की यूजर बोलीं- थोड़ा सा (चुल्लू भर) भी काफ़ी रहेगा। प्रदीप गुप्ता बोले- अनुपम ये ट्रैजेडी ही नहीं है, बल्कि मोदी द्वारा बनाई गई ट्रैजेडी है। उनकी पावर की भूख ने ये सब कर डाला है।
अमित मिश्रा नाम के यूजर बोले- “सर, बस एक ऑक्सीजन सेलेंडर दे दीजिए सर…” परिवार अधिकारी के पैरों पर गिरकर ऑक्सीजन की भीख मांग रहा है। “कौन आएगा” नहीं पता लेकिन “लाखों लोगों” की जान जा रही है यह जरूर पता है।