CineGram: शाहरुख खान को यूं ही बॉलीवुड का बादशाह नहीं कहा जाता है, इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्होंने खूब मेहनत की है। आज भी उनमें वो सादगी और अच्छाई साफ नजर आती है। बॉलीवुड के तमाम एक्टर्स शाहरुख खान की तारीफ करते हैं, एक बार इरफान खान ने भी कहा था कि हॉलीवुड के पास शाहरुख खान नहीं है। शाहरुख खान फिल्म इंडस्ट्री और यहां के तौर तरीकों से एक दम अंजान थे, लेकिन उन्होंने लगन और मेहनत से यहां अपनी अलग जगह बना ली है।
शाहरुख खान के पिता मीर ताज मोहम्मद खान, एक भारतीय स्वतंत्रता कार्यकर्ता थे और उनकी मां लतीफ फातिमा मजिस्ट्रेट थीं। मगर वो अपने बेटे की सफलता देखते, उससे कई साल पहले ही दोनों का निधन हो गया। शाहरुख खान के पिता की 1981 में कैंसर से और उनकी मां की 1991 में डायबिटीज के कारण मृत्यु हो गई थी।
हाल ही में दुबई में हुई ग्लोबल फ्राइट समिट में शाहरुख खान ने अपने माता-पिता को याद किया और उस वक्त के बारे में बात की जब उनके पेरेंट्स का निधन हुआ था। शाहरुख खान ने कहा, “मेरे जीवन में जो बहुत सी चीज़ें हुईं जो जरूरत पर आधारित थीं। मेरे माता-पिता की मृत्यु के बाद मेरे पास पैसे नहीं थे। मैंने (शुरुआत में) एक वैज्ञानिक बनने के लिए पढ़ाई की, फिर मैं एक इकोनॉमिस्ट बनने के लिए आगे बढ़ा, फिर मैंने मास कम्यूनिकेशन किया। मैंने इन सब में मास्टर किया।” एक्टर ने इसके बारे में भी बताया कि इतनी पढ़ाई के बाद वो एक्टर कैसे बने?
उन्होंने कहा कि पहले उन्होंने टीवी करना शुरू किया और इसके लिए उन्हें 1500 रुपये मिल रहे थे, उस वक्त इतना पैसा बहुत ज्यादा हुआ करता था। तब उन्हें लगा कि उन्हें ये ही काम करना चाहिए। इसी तरह एक के बाद एक काम उन्हें मिलता गया।
जब शाहरुख खान 14 साल के थे, तभी उनके पिता का निधन हो गया था। वह 24 साल के हुए तो उनकी मां की मृत्यु हो गई। इसके बारे में बात करते हुए शाहरुख ने कहा, “माता-पिता में से किसी एक को खोना दुर्भाग्य माना जा सकता है, दोनों को खोना लापरवाही जैसा लगता है। मुझे बहुत दुख हुआ और मेरे पास कोई जगह नहीं थी जहां मैं जा सकूं। बस मेरी बहन और मैं बचे थे। फिर एक सुबह मुझे लगा कि मेरे पेरेंट्स आसपास हैं और मैं उन्हें दोबारा मिल पाऊंगा। मुझे लगता है कि वो आसमान में सितारें हैं और मैं उनसे मिलूंगा।”
शाहरुख खान ने कहा कि उन्हें उस वक्त ऐसा लग रहा था कि उनके माता पिता को बुरा लग रहा होगा कि वो उन्हें ऐसे छोड़कर चले गए। शाहरुख ने कहा, “मुझे लग रहा कि क्या वो ये सोचकर परेशान हो रहे होंगे, ‘हमारे 24 साल के बेटे के साथ क्या हो रहा होगा, जिसके पास कोई चारा नहीं है। तो मैं बहुत मेहनत करना शुरू कर दिया। मैं सफल होने के लिए बहुत दृढ़ हो गया क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि मेरे माता-पिता को बुरा लगे कि उन्होंने मेरी देखभाल नहीं की। तो यह चीज़ों को देखने का एक बहुत ही अजीब तरीका है। लेकिन मैं जानता था कि उन्हें ऐसा महसूस नहीं होना चाहिए।”
बेशक शाहरुख खान एक स्ट्रांग पर्सनालिटी हैं, लेकिन वह वास्तव में एक इमोशनल इंसान हैं। उन्होंने खुद बताया था कि जब उनकी फिल्में फ्लॉप होती हैं तो वो बाथरूम में जाकर रोते हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…