साल 2003 में आई सलमान खान, रानी मुखर्जी और प्रीति जिंटा स्टारर फिल्म ‘चोरी चोरी चुपके चुपके’ सिर्फ एक लव स्टोरी नहीं थी। बल्कि इस फिल्म के पीछे की सच्चाई ने बॉलीवुड और अंडरवर्ल्ड के रिश्तों की परतें खोल दी थीं। इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इस फिल्म की फंडिंग मुंबई अंडरवर्ल्ड के डॉन छोटा शकील ने करवाई थी।

रिपोर्ट में बताया गया है कि इस फिल्म को लेकर हुए बड़े जांच-पड़ताल के कारण इसकी रिलीज़ में देरी हुई और इसके दो प्रोड्यूसर्स को जेल भी हुई।

1990 के आखिरी और 2000 के शुरुआती सालों में मुंबई अंडरवर्ल्ड ने फिल्मों की दुनिया में घुसपैठ शुरू कर दी थी। हालांकि, हिंदी सिनेमा और माफिया के रिश्ते 1960 के दशक से ही देखे गए हैं, जब हाजी मस्तान जैसे गैंगस्टर को दिलीप कुमार और संजीव कुमार जैसे सितारों के साथ देखा जाता था। बाद में जब दाऊद इब्राहिम सबसे बड़ा गैंगस्टर बना, तब उसके साथी फिल्म स्टार्स पर दबाव बनाते थे कि वे उनकी पसंद की फिल्में करें। मकसद था कि काले धन को सफेद बनाया जाए।

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बॉलीवुड और अंडरवर्ल्ड के इस गठजोड़ का बड़ा खुलासा 2003 की फिल्म ‘चोरी चोरी चुपके चुपके’ के दौरान हुआ। यह फिल्म अब्बास-मस्तान ने डायरेक्ट की थी और इसमें सलमान खान, प्रीति जिंटा और रानी मुखर्जी ने काम किया था।

प्रीति जिंटा अकेली ऐसी थीं जिन्होंने अंडरवर्ल्ड के खिलाफ कोर्ट में गवाही दी। बाकी सभी गवाह पलट गए थे। साल 2018 में India Today के एक इवेंट के दौरान प्रीति ने इस डरावने अनुभव को शेयर किया। उन्होंने कहा:
“अगर मुझे पता होता कि बाकी सब पीछे हट जाएंगे, तो मैं भी गवाही न देती। मुझे डराया जा रहा था, और मैंने जो भी कोर्ट में कहा वो 10 मिनट में टीवी पर आ गया।”

उन्होंने ये भी कहा कि राकेश रोशन पर गोली चलने के बाद सब डरे हुए थे। सेट पर कोई खास घटना तो नहीं हुई, लेकिन सब अपने फोन बंद रखते थे, डर था कि अंडरवर्ल्ड से कॉल आ सकती है।

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प्रीति ने बताया,
“जब तक वो सिर्फ डरा रहे थे, मैं ठीक थी। लेकिन जब गालियां देने लगे, तो मैं टूट गई। मैं तनाव झेल सकती हूं लेकिन गालियां नहीं। मैंने सीखा कि अगर +92 से कॉल आए, तो मत उठाओ! मैं फेमस थी इसलिए बच गई, वरना मुश्किल होती।”

प्रीति की गवाही के बाद कुछ लोग गिरफ्तार हुए। छोटा शकील का साथी अंजुम फज़लानी 2010 में बरी हो गया। सलमान खान ने भी कोर्ट में कहा कि वे फज़लानी को पहचान नहीं सकते – इससे उनकी गवाही कमजोर हो गई और hostile witness साबित हुए।

2003 में मुंबई की स्पेशल कोर्ट ने फाइनेंसर भरत शाह को एक साल की सज़ा सुनाई, लेकिन वे पहले ही 14 महीने जेल में रह चुके थे, इसलिए रिहा कर दिए गए।

को-प्रोड्यूसर नाज़िम रिज़वी के बारे में कहा गया कि छोटा शकील ने उसे ही सलमान और बाकी सितारों को साइन कराने भेजा था। हालांकि सलमान ने कोर्ट में कहा कि उन पर कोई दबाव नहीं था।

कौन-कौन गिरफ्तार हुआ?
   •   भरत शाह को एक साल की सज़ा हुई
   •   नाज़िम रिज़वी को भी जेल हुई
   •   अंजुम फज़लानी, जिसे छोटा शकील का आदमी बताया गया था, 2010 में बरी हो गया क्योंकि सलमान खान उसे पहचान नहीं पाए।

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बॉलीवुड में ब्लैक मनी का इस्तेमाल

इस केस ने साबित कर दिया कि 90 के दशक के अंत और 2000 के शुरुआती सालों में अंडरवर्ल्ड बॉलीवुड में पैसे लगाकर ब्लैक मनी को सफेद करने की कोशिश कर रहा था।

हुसैन जैदी की किताब Dongri to Dubai के अनुसार, रिज़वी सलमान को फिल्म के लिए साइन कराने में बार-बार फेल हो रहा था, इसलिए फज़लानी को भेजा गया। पुलिस ने जिन फोन कॉल्स को रिकॉर्ड किया, उनमें पता चला कि अंडरवर्ल्ड बॉलीवुड सितारों के लिए कोड नेम इस्तेमाल करता था। भरत शाह के लिए – बीएस, सलमान खान के लिए पहलवान और शाहरुख खान के लिए हकला शब्द का इस्तेमाल किया जाता था।