कोरोना के नए स्वरूप ओमीक्रान के बढ़ते मामलों ने फिल्मजगत को चिंता में डाल दिया है। इसका पहला असर पड़ा है शाहिद कपूर की फिल्म जर्सी पर। आज से रिलीज होने जा रही जर्सी का प्रदर्शन स्थगित हो गया है। इससे पहले रिलीज हुई 83 के कमजोर कारोबार का कारण भी इसके निर्माताओं ने ओमीक्रान के बढ़ते मामलों को बताया है। ओमीक्रान के मामले बढ़ने के बाद दिल्ली में सिनेमाघर बंद कर दिए हैं।

कई राज्यों ने रात का कर्फ्यू लगा दिया है, जिसके कारण रात नौ बजे का शो रद्द करना पड़ा। शो रद्द होने का असर कमाई पर पड़ा। सिर्फ जर्सी ही नहीं कई और फिल्मों के निर्माता, जिन्होंने अपनी फिल्मों के प्रदर्शन की घोषणा की है बदले हालात में अपने निर्णय पर पुनर्विचार कर रहे हैं। कुल मिलाकर ओमीक्रान के बढ़ते मामलों के कारण बालीवुड के निर्माता एक ओर सिनेमाघरों पर फिर प्रतिबंध लगने के अंदेशे से घिरे हैं, तो दूसरी ओर उन्हें उम्मीदें भी हैं कि लोकप्रिय सितारों से सजी फिल्में नए साल में टिकट खिड़की पर नए कीर्तिमान रच सकती हैं।

दो साल से बालीवुड के निर्माता मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। कोरोना महामारी से बेपटरी हुआ बालीवुड पटरी पर आ ही रहा था कि कोरोना के नए स्वरूप ओमीक्रान के कारण एक बार फिर संदेह और आशंकाएं खड़ी हो गई हैं। फिल्मों का प्रदर्शन फिर से आगे बढ़ने लगा है। 31 दिसंबर को रिलीज होने जा रही जर्सी का प्रदर्शन रद्द हो गया है। हालांकि शाहिद कपूर की प्रमुख भूमिका वाली फिल्म जर्सी का प्रदर्शन स्थगित होना एक तरह से फिल्म के हक में है, क्योंकि एक सप्ताह पहले ही विश्वकप क्रिकेट पर बनी 83 रिलीज हुई थी। जर्सी भी एक क्रिकेटर की कहानी है, जो अपने बच्चे को 500 रुपए की जर्सी देने के लिए जीतोड़ संघर्ष करता है। लगातार दो सप्ताह तक खेल पर बनी फिल्में दर्शकों के लिए दोहरी खुराक होतीं, जिसका खामियाजा जर्सी को उठाना पड़ता।

फिल्म की टीम ने बयान जारी करते हुए कहा है कि ओमीक्रान के बढ़ते मामलों को देखते हुए वे फिल्म का प्रदर्शन स्थगित कर रहे हैं। फिल्म के प्रदर्शन की तारीख बाद में घोषित की जाएगी। लगातार एक के बाद एक प्रदेशों ने अपने यहां रात के कर्फ्यू की घोषणा की, जिसके बाद बालीवुड के निमार्ताओं में बेचैनी बढ़ गई। आशंका खड़ी हो गई कि क्या वापस 2020-2021 के जैसी स्थितियों का सामना करना पड़ेगा। क्या वापस फिल्मों की रिलीज को लेकर ओटीटी चैनलों पर जाना पड़ेगा। देश के कई राज्यों में चाहे सिनेमाघर सौ फीसद क्षमता के साथ धंधा कर रहे हों, मगर महाराष्ट्र में अभी भी सिनेमाघर 50 फीसद क्षमता के साथ चल रहे हैं।

इसका असर फिल्मों के कलेक्शंस पर पड़ रहा है। कोरोना महामारी के कारण 2020 और 2021 में रिलीज न होने वाली फिल्मों का ढेर इकट्ठा हो गया है। उम्मीद की जा रही थी 2022 में सिनेमा कारोबार पटरी पर आ जाएगा और बड़े बजट की लोकप्रिय सितारों वाली फिल्में टिकट खिड़की पर नए कीर्तिमान बनाएंगी। 2022 में पृथ्वीराज, राधेश्याम, आरआरआर, गंगूबाई काठियावाड़ी, बच्चन पांडे, लाल सिंह चड्ढा, हीरोपंती 2, सर्कस, आदिपुरुष जैसी कई फिल्में रिलीज के लिए तैयार हैं। इनमें से कुछ तो दो सालों से रिलीज का इंतजार कर रही हैं। हालांकि दक्षिण भारत में हालात इतने बुरे नहीं हैं। तमिल, तेलुगु फिल्में टिकट खिड़की पर दो सौ करोड़ से भी ज्यादा का धंधा कर रही हैं।

मास्टर, वकील साब, पुष्पा इसके उदाहरण हैं। अल्लु अर्जुन की तमिल फिल्म पुष्पा सिनेमाघरों में चल रही है और जल्दी ही दो सौ करोड़ के क्लब मैं शामिल होने जा रही है। जिन स्थितियों में हिंदी फिल्मों के निर्माता अपनी फिल्में रिलीज करने से डर रहे हैं, वे स्थितयां दक्षिण के निमार्ताओं पर उतना असर नहीं डाल रही हैं। मुंबई के फिल्म निर्माता कोरोना महामारी से जितने परेशान नजर आते हैं, उतने दक्षिण के निर्माता नहीं।

बाहुबली बना चुके एसएस राजमौलि की 400 करोड़ की फिल्म आरआरआर सात जनवरी से पांच भाषाओं में रिलीज होने जा रही है। ओमीक्रान के बढ़ते मामलों के बावजूद आरआरआर समय पर रिलीज होने जा रही है। यहां तक कि राजमौलि ने उन खबरों का खंडन किया है, जिनमें यह कहा गया था कि ओमीक्रान के बढ़ते मामलों को देखते हुए आरआरआर का प्रदर्शन भी आगे बढ़ सकता है। जूनियर एनटीआर, रामचरन, अजय देवगन और आलिया भट्ट अभिनीत यह फिल्म अपनी घोषित तारीख सात जनवरी को ही रिलीज हो रही है। हालांकि जनवरी में ही रिलीज होने वाली अन्य फिल्मों के निमार्ताओं ने अभी तक अपनी फिल्मों के प्रदर्शन की तारीखों में किसी तरह के बदलाव की घोषणा नहीं की है। 14 जनवरी को प्रभास की राधेश्याम, 21 जनवरी को अक्षय कुमार की पृथ्वीराज, 26 जनवरी को द कश्मीर फाइल्स और 28 जनवरी को जान अब्राहम की अटैक रिलीज होने जा रही हैं।