South Cinema: आज हम आपको साल 2008 में हुए एक ऐसे हत्याकांड के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे सुनकर पूरा देश सन्न रह गया था। इस सच्ची घटना के तीन मुख्य किरदार थे- नीरज ग्रोवर, जिसकी हत्या हुई; मारिया मोनिका सुसाइराज, कन्नड़ एक्ट्रेस जो बॉलीवुड में अपनी पहचान बना रही थीं; और जेरोम मैथ्यू, जो मारिया के बॉयफ्रेंड थे और उनसे सगाई करने वाले थे। हालांकि मारिया मुंबई में कुछ समय तक नीरज ग्रोवर के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में भी रहीं और दोनों के अफेयर की बातें भी सामने आईं।
मई 2008 की बात है, जब बालाजी प्रोडक्शन में कास्टिंग का काम देख रहे नीरज ग्रोवर अचानक लापता हो गए। लोगों से पता चला कि वे अपनी गर्लफ्रेंड मारिया सुसाइराज के घर शिफ्टिंग में मदद कर रहे थे। कई हफ्ते बीत गए, लेकिन नीरज का कुछ पता नहीं चला। पूरे शहर में उनके गुमशुदा होने के पोस्टर चिपकाए गए, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।
आखिरकार पुलिस को नीरज की लोकेशन एक मोबाइल नेटवर्क टावर से मिली और इस घिनौने हत्याकांड का पर्दाफाश हुआ। उनकी दोस्त और कथित गर्लफ्रेंड मारिया सुसाइराज को गिरफ्तार कर लिया गया। ऐसे खुलासे हुए कि जिसने भी सुना, हैरान रह गया। यह सामने आया कि नीरज की हत्या की गई थी और यह भी आरोप लगा कि उनकी डेड बॉडी के सामने ही मारिया ने अपने बॉयफ्रेंड जेरोम के साथ संबंध बनाए।
मारिया का जन्म मैसूर के एक ईसाई परिवार में हुआ था। बचपन से ही उन्हें डांस का शौक था और वह बॉलीवुड एक्ट्रेस बनना चाहती थीं। बेंगलुरु में उन्होंने काफी संघर्ष के बाद छोटे-मोटे रोल मिलने शुरू किए। साल 2002 में उन्हें कन्नड़ सिनेमा में एक बड़ा ब्रेक मिला और वह एक फिल्म में लीड एक्ट्रेस के तौर पर नजर आईं, हालांकि फिल्म फ्लॉप रही।
बाद में उन्हें कोई बड़ी भूमिका नहीं मिली और वो बॉलीवुड में पहचान बनाने के लिए मुंबई आ गईं। ऑडिशन के दौरान उनकी मुलाकात नीरज ग्रोवर से हुई। नीरज की मुंबई में अच्छी पकड़ थी। उन्होंने शाहरुख खान के शो ‘क्या आप पांचवीं पास से तेज हैं’ और ‘कहानी हमारे महाभारत की’ जैसे शोज़ में काम किया था। 2008 में वे एकता कपूर के प्रोडक्शन हाउस, बालाजी टेलीफिल्म्स में कार्यरत थे।
ऑडिशन के दौरान मारिया और नीरज की जान-पहचान हुई और दोनों ने एक-दूसरे के नंबर लिए। नीरज ने मारिया की खूबसूरती की तारीफ की और वादा किया कि वह उन्हें अच्छे रोल दिलाएंगे। हालांकि, मारिया पहले से ही मैसूर में रहने वाले जेरोम मैथ्यू के साथ रिलेशनशिप में थीं। जेरोम भारतीय सेना में कार्यरत थे और पुणे में पोस्टेड थे।
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मारिया ने नीरज को अपने रिलेशनशिप के बारे में नहीं बताया और उनके साथ लिव-इन में रहने लगीं। ना नीरज को जेरोम के बारे में जानकारी थी और ना ही जेरोम को यह पता था कि मारिया और नीरज का रिश्ता दोस्ती से कहीं आगे बढ़ चुका है। बाद में मारिया ने नीरज का फ्लैट छोड़ दिया और मलाड में एक नए फ्लैट में शिफ्ट होने का फैसला किया।
नीरज ने अपने दोस्तों से कहा कि वो मारिया की शिफ्टिंग में मदद करने जा रहे हैं और 10 बजे घर से निकल गए। सुबह तक जब वो नहीं लौटे, तो दोस्तों ने उनके नंबर पर कॉल किया। कॉल मारिया ने उठाया और बताया कि वो तो रात डेढ़ बजे ही घर से निकल गए थे और उनका फोन वहीं छूट गया था। लेकिन जब कई दिनों तक नीरज घर नहीं लौटे, तो दोस्तों ने मारिया के घर जाकर पूछताछ की। जब उनके पास कोई ठोस जवाब नहीं मिला, तो नीरज के दोस्तों ने मलाड पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई।
नीरज के परिजन भी कानपुर से मुंबई आ गए। उन्होंने नीरज के नाम के पोस्टर छपवाए और 1 लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया। 2 हफ्ते बाद, पुलिस ने 8 मई को नीरज के कॉल रिकॉर्ड्स खंगालना शुरू किया। पता चला कि 8 मई को नीरज के फोन पर एक कॉल आया था और कुछ सेकंड्स के लिए वह रिसीव भी हुआ। पहला शक मारिया पर गया, क्योंकि फोन उनके पास था।
पुलिस ने फिर मारिया की जांच शुरू की और जो तथ्य सामने आए, वह चौंकाने वाले थे। 8 से 20 मई के बीच मारिया और जेरोम मैथ्यू के बीच लगभग 1000 कॉल्स हुए थे। यह सामान्य नहीं था और पुलिस को शक पक्का हो गया। जेरोम से पूछताछ हुई तो उन्होंने कहा कि वह आर्मी ट्रेनिंग के लिए मुंबई आए थे, मगर जब आर्मी सेंटर से पुष्टि की गई तो सामने आया कि वो झूठ बोल रहे थे।
पुलिस ने बिल्डिंग के सिक्योरिटी गार्ड से पूछताछ की तो और चौंकाने वाली जानकारी मिली। गार्ड ने बताया कि मारिया और जेरोम भारी सामान ले जाते हुए देखे गए थे। अब पुलिस को पूरा यकीन हो गया और उन्होंने मारिया को गिरफ्तार कर लिया।
मारिया बार-बार अपना बयान बदल रही थीं, लेकिन पुलिस की सख्ती के बाद उन्होंने सब कुछ कबूल कर लिया। उन्होंने बताया कि 8 मई को ही नीरज ग्रोवर की हत्या कर दी गई थी। 7 मई को नीरज मारिया की मदद के लिए उनके फ्लैट आए थे और दोनों क्वालिटी टाइम बिता रहे थे। जेरोम ने जब फोन पर नीरज की आवाज सुनी तो भड़क गए। मारिया ने उन्हें समझाने की कोशिश की कि नीरज सिर्फ दोस्त है और मदद के लिए आया है।
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8 मई को जेरोम मुंबई पहुंच गए। मारिया ने दरवाजा देर से खोला, और जेरोम सीधे बेडरूम में पहुंचे। वहां नीरज को देखकर उन्होंने मारपीट शुरू कर दी। मारिया ने रोकने की कोशिश की लेकिन जेरोम किचन से चाकू लाकर नीरज पर हमला कर बैठे। नीरज की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद मारिया और जेरोम ने सबूत मिटाने की कोशिश शुरू की। चादरें, पर्दे साफ किए। मारिया ने यह भी कबूला कि दोनों ने डेडबॉडी के सामने संबंध बनाए।
इसके बाद दोनों एक मॉल गए और वहां से धारदार चाकू व पॉलीबैग खरीदे। कथित तौर पर दोनों ने मिलकर नीरज की डेडबॉडी के 300 टुकड़े किए और शाम 4 बजे अमगांव की ओर रवाना हो गए। रास्ते में पेट्रोल खरीदा और एक सुनसान जगह पर बैग में आग लगा दी।
रास्ते में नीरज का फोन बजा। वह फोन मारिया की जींस में था और गलती से रिसीव हो गया। इसी कॉल से पुलिस को सुराग मिला और हत्याकांड का खुलासा हुआ।
इतने जघन्य अपराध के बावजूद, जुलाई 2011 में मुंबई की एक अदालत ने एमिल जेरोम मैथ्यू को “हत्या नहीं बल्कि गैर-इरादतन हत्या” (IPC धारा 304) का दोषी मानते हुए 10 साल की सजा सुनाई। मारिया सुसाइराज को हत्या के आरोप से बरी कर दिया गया लेकिन सबूत नष्ट करने (IPC धारा 201) के आरोप में 3 साल की सजा मिली। चूंकि वह पहले ही तीन साल जेल में बिता चुकी थीं, उन्हें तुरंत रिहा कर दिया गया।
इस फैसले से आम जनता में गुस्सा फूट पड़ा। लोग सड़कों पर उतर आए और मीडिया में इस पर जमकर बहस हुई। नीरज ग्रोवर के माता-पिता ने इस फैसले को “न्याय का मजाक” बताया और कहा कि वे मारिया को इस जघन्य अपराध की मुख्य दोषी मानते हैं।
इस केस से प्रेरित होकर राम गोपाल वर्मा ने 2011 में “नॉट ए लव स्टोरी” नामक फिल्म बनाई थी, जिसमें इस घटना को दर्शाया गया, हालांकि यह फिल्म फ्लॉप रही।