बॉलीवुड अभिनेत्री मल्लिका शेरावत ने यौन शोषण और छेड़छाड़ के खिलाफ आवाज उठाने की विश्वव्यापी मुहिम ‘मीटू’ को लेकर बयान दिया है। मल्लिका ने कहा कि ‘मीटू अभियान’ ने उत्पीड़न पर बात करने के लिए एक जगह तैयार की है और अब फिल्म उद्योग में इस तरह की घटनाओं को दबाया जाना मुश्किल है। अभिनेत्री ने इससे पहले खुलासा किया था कि उन्हें कई प्रोजेक्ट्स से सिर्फ इसलिए निकाल दिया गया था क्योंकि उन्होंने ऑफ स्क्रीन अपने सह-कलाकार के साथ संबंध बनाने से इनकार कर दिया था।

‘मीटू से महिलाएं मजबूत, पुरुष डरे’: उन्होंने कहा कि इस अभियान ने महिलाओं को सशक्त किया है जबकि पुरुष डरे हुए हैं। अभिनेत्री ने कहा कि मीटू एक सकारात्मक कदम है। यह एक मजबूत कदम है जो जिम्मेदारी के साथ आता है। लेकिन उद्योग के पुरुष डरे हुए हैं। काम का सुरक्षित माहौल महिला और पुरुष दोनों का अधिकार है इसलिए यह एक सही दिशा में उठाया गया कदम है। शेरावत का मानना है कि फिल्म उद्योग में महिला निर्देशकों, लेखकों और सिनेमेटोग्राफरों की कमी है।

जद में आए कई बड़े नामः उल्लेखनीय है कि भारत में पिछले करीब डेढ़ साल से मीटू की मुहिम ने काफी जोर पकड़ा है। अब तक कई बड़े पत्रकार, अभिनेता, राजनेता और अन्य चर्चित शख्सियतें इसकी जद में आ चुकी हैं। इनमें आलोक नाथ, नाना पाटेकर, पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर समेत कई बड़े नाम शामिल हैं। वहीं आरोप लगाने वालों में बॉलीवुड अभिनेत्री तनुश्री दत्ता जैसे नाम भी शामिल हैं। इस मुहिम के तहत महिलाओं ने अपने साथ अतीत में हुई शोषण की कोशिशों का खुलासा किया है। अब तक कई दर्जन लोगों के नाम सामने आ चुके हैं। पत्रकार से राजनेता बने एमजे अकबर तो करीब 20 महिलाओं ने आरोप लगाया था। इसके बाद उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा भी देना पड़ा। अकबर ने इसके बाद आरोप लगाने वाली महिला के खिलाफ मानहानिका मुकदमा भी दायर किया था।