जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। 2 जून को कुलगाम में आतंकियों ने एक बैंक में घुसकर बैंक मैनेजर विजय कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी थी। टारगेटेड किलिंग से घाटी में बचे-खुचे कश्मीरी पंडितों में खौफ है। इसके अलावा नौकरी के सिलसिले में घाटी में रहने वाले कश्मीरी पंडितों समेत हिंदू समुदाय में भय का माहौल है।
रिपोर्ट्स की मानें तो अकेले बारामूला में पिछले दो दिनों में करीब 150 हिंदू परिवारों ने पलायन किया है। कश्मीर में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर फिल्ममेकर विनोद कापड़ी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा हैं।
कश्मीर पर चुप्पी क्यों?: फिल्ममेकर विनोद कापड़ी ने लिखा, ”कश्मीर में लगातार लगातार खून बह रहा है, एक फ़िल्म का प्रचार करने वाले मोदी को अब तक एक बार भी आप ने कश्मीर पर सुना ? मोदी पर सवाल उठाने वाले किसी टीवी को एक बार भी देखा आप ने?” उन्होंने एक और ट्वीट किया, ”कश्मीर पर नरेंद्र मोदी चुप क्यों हैं।”
फिल्ममेकर ने आगे कहा, ”नरेंद्र मोदी सरकार की अदूरदर्शिता और संवेदनहीनता ने कश्मीर के हालात बद से बदतर कर दिए हैं। कश्मीर देश के लिए गंभीर चिंता का विषय होना चाहिए… फिर दोहरा रहा हूं, कश्मीर देश के लिए गंभीर चिंता का विषय होना चाहिए।”
रोहिणी सिंह ने भी घेरा: पत्रकार रोहिणी सिंह ने कहा, ”कश्मीर में पलायन नहीं हो रहा है..स्थानीय लोग तो बस उन्हें खोजने दिल्ली आ रहे हैं जिन्हें ‘कश्मीर फाइल्स’ फिल्म देखने के बाद बहुत पीड़ा हुई थी। पर अब जब कश्मीरी हिंदू न्याय की गुहार लगा रहे हैं, तब वह चुपचाप एक नई फिल्म के प्रमोशन में लग गए हैं।”
अशोक पंडित ने रखी अपनी बात: फिल्ममेकर अशोक पंडित ने भी ट्वीट करते हुए कश्मीरी पंडितों के मुद्दों को उठाया। फिल्ममेकर ने कहा, मैं कश्मीर में 5000 कश्मीरी पंडित कर्मचारियों की ओर से आरदणीय अमित शाह जी से दिल्ली में आज की उच्च स्तरीय बैठक में उन्हें जम्मू में स्थानांतरित करने का आदेश पारित करने की अपील करता हूं क्योंकि हिंदू समुदाय को बचाने के लिए यही एकमात्र उपाय बचा है।
यूजर्स ने दी प्रतिक्रिया: एक यूजर ने अशोक पंडित और अमित शाह को टैग करते हुए लिखा, सबसे पहले जम्मू को सुरक्षित करो, वहां रोहिंग्या और बांग्लादेशी कैसे बस गए?। अगला नंबर जम्मू का है। कहां तक भागोगे। फिर एक दिन जम्मू से भागोगे। एक यूजर ने विनोद कापड़ी के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, ”आपका सरकार पर सवाल उठाना उचित है ,लेकिन आप एक बार भी आतंकियों की निंदा नहीं कर पाए। ऐसे लोगों को आपका मौन समर्थन प्राप्त है ।”