भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत ने यह स्पष्ट किया है कि कोविड- 19 का हवाला देकर 4 महीनों से चल रहे किसान आंदोलन की बंद नहीं करवाया जा सकता। उन्होंने कहा है कि हर हाल में किसानों का धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। राकेश टिकैत हिमाचल प्रदेश के पौंटा साहिब में आयोजित किसान महापंचायत में हिस्सा लेने पहुंचे थे जहां मीडियाकर्मियों के सवालों के जवाब देते हुए उन्होंने यह बात कही।
राकेश टिकैत ने यह भी कहा कि जब संसद में उनकी बात नहीं सुनी जा रही तब उन्होंने सड़कों से अपनी आवाज बुलंद की है। कोविड के बढ़ते मामलों के बीच किसान आंदोलन को लेकर उन्होंने कहा, ‘जैसे ही बंगाल का चुनाव खत्म होगा, कोविड आएगा, देश में लॉकडाउन लगेगा, जो संस्थाएं बची हैं देश की, वो भी बिकेंगी।’
राकेश टिकैत ने आगे कहा, ‘मास्क लगाकर आंदोलन होगा देश में। धरने खत्म नहीं होंगे। कोविड आए चाहे कोविड के सारे रिश्तेदार आ जाए, हम धरना खत्म नहीं करेंगे।’ उनके इस बात पर एक मीडियाकर्मी ने उनसे सवाल पूछा कि आप लोग मान नहीं रहे, कोविड के समय में भी तो इस आंदोलन का अंत कैसे होगा? जवाब में राकेश टिकैत ने कहा, ‘इसका अंत तो 2023 में होगा। सरकार साल के आखिरी तक मानेगी।’
जब राकेश टिकैत से कहा गया कि लोगों के बीच उनका प्रभाव तो बहुत हो गया है, उन्हें चुनाव लड़ना चाहिए तो उनका जवाब था, ‘नहीं, जब संसद में आवाज़ न उठे, जब संसद गूंगी और बहरी हो जाए तो फिर सड़क से आवाज उठती है। ये सड़क की आवाज है, ये सुनाई देगी।’
राकेश टिकैत ने हाल ही में यह भी कहा था कि सरकार इस आंदोलन के साथ शाहीन बाग़ आंदोलन जैसा व्यवहार न करे। उन्होंने कहा कि आंदोलन कर रहे किसान कोविड के सभी गाइडलाइंस का पालन कर रहे हैं और आंदोलन समाप्त नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘आंदोलन कर रहे किसान कोविड- 19 के सभी नियमों का पालन करेंगे। सरकार कोरोना वायरस की बात करती है, लेकिन हमने सरकार से कहा है कि वे इस आंदोलन के साथ शाहीन बाग़ की तरह व्यवहार न करें। यह आंदोलन समाप्त नहीं होगा।’
आपको बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA), NRC के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग़ में दिसंबर 2019 से आंदोलन शुरू हुआ था। यह आंदोलन 100 दिनों तक चला था। जब कोरोनावायरस के चलते दिल्ली में धारा 144 लगाई गई तब इस आंदोलन स्थल से लोगों को हटा दिया गया था।

