तीनों कृषि कानून वापस होने के बाद भी भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे हुए हैं। राकेश टिकैत ने साफ कर दिया है कि जब तक एमएसपी गारंटी कानून नहीं बनता है, वह अपना आंदोलन जारी रखेंगे। टिकैत के इस आंदोलन के कई राजनीतिक मायने भी लगाए जा रहे हैं। एक इंटरव्यू में उनसे इसको लेकर सवाल भी किया गया था। राकेश टिकैत से चुनाव लड़ने को लेकर पूछा गया था, ‘चुनाव की बात हम लोग कर रहे हैं। अगर मान लीजिए चुनाव आता है और कोई पार्टी कहती है कि हमारी पार्टी से चुनाव लड़िये तो क्या करेंगे?’

‘ABP न्यूज़’ के साथ बातचीत में राकेश टिकैत ने कहा था, ‘हम लोग पहले ही साफ कर चुके हैं कि चुनाव से हमें कुछ लेना-देना ही नहीं है।’ इसके बाद उनसे अगला सवाल पूछा जाता है, ‘अगर हम लोग खुलकर ही बात करें तो आरएलडी या समाजवादी पार्टी ही कह देती है कि आप हमारी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़िये तो क्या लड़ेंगे आप?’ उन्होंने कहा था, ‘हमें नहीं लड़ना चुनाव। आप चाहो तो लड़ लेना चुनाव। हम लोगों को नेता बनने का कोई शौक नहीं है। अब हम चाहते हैं कि कोई एंकर ही नेता बन जाए।’

राकेश टिकैत कहते हैं, ‘मैं तो चाहता हूं कि आप लोगों को जहां से भी टिकट मिले आप लोग टिकट ले लो। क्योंकि आप लोगों ने वैसे भी बहुत अच्छा काम किया है पहले से। अब तो हम चाहते हैं कि आपके जैसे एंकर ही नेता बनें। अगर दल की बात करें तो हम लोगों की किसी दल की तरफ से कोई मदद नहीं की गई है। हम लोग तो सिर्फ उन्हीं लोगों से बात करते हैं, जिनकी सरकार होती है। जो किसान का काम करता है तो चुनाव आने के बाद जनता खुद ही उस सरकार का काम देख लेती है।’

राकेश टिकैत से आगे पूछा जाता है, ‘जैसा आप कह रहे हैं उस हिसाब से तो सरकार ने आपकी मदद नहीं की। क्योंकि अगर सरकार ने आपकी मदद सच में की होती तो आपको इतना लंबा समय तक यहां बैठने की जरूरत नहीं होती। इसका सीधा सा मतलब है कि आप सत्तारूढ़ पार्टी के तो बिल्कुल समर्थन में नहीं हैं।’ इस पर किसान नेता ने कहा था, ‘जनता ऐसी सरकारों को खुद जवाब दे देगी। अगर कोई पार्टी कहती है कि उसने हमारी मदद की तो ये गलत है क्योंकि यहां पर किसी पार्टी का कोई टेंट तो नज़र आता नहीं है।’