तीनों कृषि कानून रद्द होने के बाद किसानों की घर वापसी शुरू हो गई है। दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों ने वापस अपने-अपने घर की तरफ जाना शुरू कर दिया है। गाजीपुर पर बैठे किसान नेता राकेश टिकैत से जब उनकी घर वापसी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह 15 दिसंबर को अपने गांव लौटेंगे। हालांकि एक इंटरव्यू में उनसे सोशल मीडिया पर चल रही चर्चा के बारे में भी पूछ गया था।
एक इंटरव्यू के दौरान उनसे पूछा गया था, ‘आंदोलन खत्म होने के बाद आप कहां जाएंगे? क्योंकि सोशल मीडिया पर चल रहा है कि आपका गाजीपुर वाला रोजगार खत्म हो गया है। क्या सिसौली गांव जाएंगे?’ इसके जवाब में उन्होंने कहा था, ‘सोशल मीडिया पर जो चल रहा है उसे चलने दीजिए। हम लोग 15 दिसंबर तक वापस चले जाएंगे। यहां के बाद हम लोग सिसौली गांव ही जाएंगे। 13 महीने हम लोग यहां रहे हैं इसलिए 13 घंटे तो सिसौली के भी बनते हैं। इसके बाद आगे हम लोग तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश चले जाएंगे।’
टिकैत आगे कहते हैं, ’13 महीने बनाम 13 घंटे। अगर 13 महीने हम लोग यहां रहे हैं तो 13 घंटे हम लोग वहां रहेंगे। अगर चुनाव के बारे में पूछ रहे हैं तो मैं साफ कर दूं। हम लोग कभी किसी राजनीतिक दल का समर्थन करते हुए नज़र नहीं आएंगे। अगर कोई राजनीतिक दल ये कहता है कि हमने किसान आंदोलन का समर्थन किया है तो उनका धन्यवाद। हम लोग समर्थन किसी राजनीतिक दल का नहीं करेंगे। जनता बहुत होशियार है और वो खुद अपना नेता चुनती है। कोई किसी का समर्थन नहीं करता है।’
किसान नेता ने कहा, ‘जहां तक आप लोग बात करते हैं कि किसान का आंदोलन लंबा चला तो मैं बस इतना ही कहना चाहता हूं कि ये किसानों की ट्रेनिंग हो गई है। देश के करोड़ों लोगों ने ट्रेनिंग ले ली है। ये एक साल का ट्रेनिंग पीरियड है। ये सभी लोग घर के ही हैं। क्योंकि कोई किसान बाहर का तो है नहीं। ये पूरी लड़ाई और जीत किसान एकता की है। किसी अकेले व्यक्ति की नहीं है। हम लोग आगे भी किसान के हक के लिए लड़ाई करते रहेंगे। हम लोग महाराष्ट्र का भी दौरा करेंगे।’
